सीएम धामी का उत्तराखंड में महिला सशक्तिकरण पर खासा जोर
महिला अधिकारियों को सौंपी तमाम चुनौतीपूर्ण पदों की कमान
जिलाधिकारी और पुलिस कप्तानों के कई ओहदों पर महिला
राधा रतूड़ी को बनाया प्रदेश की पहली महिला मुख्य सचिव
देहरादून। उत्तराखंड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी महिला सशक्तिकरण की दिशा में अभूतपूर्व कार्य कर रहे हैं। इसी दिशा में उन्होंने 23 साल के सूबे के इतिहास में वरिष्ठ आईएएस अधिकारी राधा रतूड़ी को पहली महिला मुख्य सचिव का कार्यभार सौंपा है। इतना ही नहीं, महिलाओं को समान अधिकार देने की बात करने वाली समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट तैयार करने वाली समिति का अध्यक्ष भी एक महिला सुप्रीम कोर्ट की रिटायर्ड न्यायमूर्ति रंजना प्रकाश देसाई को बनाया। वहीं, उत्तराखण्ड के सात जिलों में पुलिस और प्रशासन की कमान महिला अधिकारियों के हाथों में दी है। इसके अलावा अन्य महत्वपूर्ण और चुनौतीपूर्ण पदों पर भी महिला अधिकारियों को जिम्मा दिया गया है।
राजधानी देहरादून जैसे महत्वपूर्ण जिले में जिलाधिकारी की कमान सोनिका को दी गई है। उन्हें स्मार्ट सिटी परियोजना की सीईओ जैसी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी भी सौंपी गई है। इसी तरह पिथौरागढ़ में जिलाधिकारी रीना जोशी, नैनीताल में वंदना और बागेश्वर में अनुराधा पाल को जिलाधिकारी का दायित्व सौंपा गया है। राजधानी देहरादून की सीडीओ का जिम्मा महिला आईएएस अधिकारी झरना कमठान को दिया गया है।
पुलिस महकमे में तीन आईपीएस महिला अधिकारियों को जिले की पुलिस कप्तान बनाया गया है। इनमें श्वेता चौबे को एसएसपी पौड़ी, डॉ. विशाखा अशोक भढाने एसपी रुद्रप्रयाग और रेखा यादव एसपी चमोली शामिल हैं। इसी तरह आईपीएस विमला गुंज्याल को आईजी जेल, रिद्धिम अग्रवाल को आईजी एसडीआरएफ एवं विशेष सचिव गृह और पी. रेणुका देवी को डीआईजी लॉ एंड ऑर्डर जैसे चुनौतीपूर्ण ओहदे पर जिम्मेवारी सौंपी गई है।
इसी तरह प्रीति प्रियदर्शनी 31वीं बटालियन पीएसी की कमांडेंट, तृप्ति भट्ट को एसपी अभिसूचना एवं सुरक्षा, कमलेश उपाध्याय को एसपी लॉ एंड ऑर्डर, ममता वोहरा को एसपी क्षेत्रीय अभिसूचना और सरिता डोबाल को जीआरपी की एसपी का दायित्व सौंपा गया है।