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सीएम धामी में था हर श्रमिक को बाहर निकालने का जुनून

सरकारी कामकाज छोड़कर सिलक्यारा में जमा लिया था अपना डेरा

खुद ही लगातार करते रहे रेस्कयू आपरेशन की निगरानी

पीएमओ ने भी झोंक रखी थी वहां पर अपनी पूरी ताकत

पीएम मोदी खुद भी ले रहे थे एक-एक पल की खबर

देहरादून। 41 मजदूरों के सिलक्यारा टनल में फंसने की खबर मिलते ही सीएम पुष्कर सिंह धामी खुद सक्रिय हो गए। हालात को देख उनमें ऐसा जुनून जागा कि सारे कामधाम छोड़कर पहुंच गए मौके पर। सीएम को देख तमाम एजेंसियों में जोश भर गया। उधर, पीएम मोदी इतने संजीदा थे कि अपने अफसरों की पूरी टीम झोंक दी। पीएम मोदी ने सीएम धामी से पल-पल की जानकारी लेकर अपनी रणनीति में बदलाव किया। नतीजा साफ है कि 17 दिन कुदरत की कैद में रहने के बाद श्रमिक अब खुली हवा में सांस लेंगे।

एक पखवाड़े पहले जब ये पता चला कि 40 मजदूर सिलक्यारा टनल का एक हिस्सा ढहने से अंदर फंस गए हैं। निर्माण एजेंसी की लापरवाही देखिए कि तीन दिन बाद उसे पता चला कि मजदूर 40 नहीं 41 हैं। इसके बाद से ही सीएम धामी हरकत में आ गए। योजना केंद्र सरकार की है और इनका निर्माण भी केंद्रीय एजेंसी कर रही है। इसके बाद भी सीएम ने अपने अफसरों को तत्काल ही मौके पर भेजा और रिपोर्ट ली।

हालात नाजुक दिखे तो सीएम धामी खुद मौके पर पहुंच गए। फिर क्या था सिस्टम एकदम से सक्रिय हो गया। तमाम कोशिशें शुरू की गईं। इस बीच पीएमओ ने भी इस पर गंभीरता दिखाई। पीएमओ ने अपने तमाम अफसरों को एजेंसियों को मौके पर भेज दिया। इसके बाद भी मामला संभलता न दिखा तो धामी ने मौके पर ही अपना कैंप कार्यालय बना लिया और एक-एक गतिविधि पर खुद ही नजर रखना शुरू कर दिया। पीएम मोदी खुद भी धामी के संपर्क में रहे और रोजाना बात करके फीडबैक लेते रहे। सीएम धामी के फीडबैक के आधार पर ही वो दिल्ली में अफसरों से बात करके नए-नए अभियान तय करते रहे।

बहरहाल, इस अभियान की सफलता में ईश्वर का वरदान तो मिला ही है, सीएम धामी के सभी को बचाने के जुनून और पीएम मोदी की चिंता का भी खासा योगदान है।

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