भूमि बचाओ आन्दोलन! 40 दिन बीत गए, शासन स्तर से कोई हलचल नहीं, आन्दोलनकारियों के हौंसले चरम पर
बाजपुर। बाजपुर में भूमि बचाओ आन्दोलन को 40 दिन बीत जाने के बावजूद, शासन स्तर से कोई हलचल होती नहीं दिखायी देने के बावजूद आन्दोलनकारियों के हौंसले चरम पर बने हुए है। शासन स्तर से हो रही अनदेखी और देरी पर आन्दोलनकारियों का कहना है कि यह, उन के हौंसलो के जलते चिरागों में धी डालने का काम कर रही है। मजबूत जज्बे और इरादो से आन्दोलन को आगे ले जा रही युवा पीढ़ि ने बिना पूर्ण समाधान लिये वापिस नही लौटने की आवाजे बुलंद की है।
बाजपुर में भूमि बचाओ आंदोलन के 40वें दिन इंद्र देवता की बौच्छारों के बीच भूमि आन्दोलनकारियों का जज्बा देखने लायक बना हुआ है। शासन स्तर पर पिछले 40 दिनो से शुरुआती उत्साहजनक चर्चाओ व आश्वासनो के बाद अब किसी भी स्तर पर हलचल नही होने के बावजूद आन्दोलनकारियों के हौंसले चरम पर बने हुए है। शनिवार को आन्दोलन मंे उत्साहजनक भागीदारी करने पहुंचे युवाओं ने पुरजोर आवाजों में अपने इरादे स्पष्ट किये।
युवा वक्ताओं ने इस दौरान कहा कि शासन स्तर से एकाएक बना ली गयी दूरी और छा गयी चुप्पी से वे और मजबूत बन रहे है। वक्ताओं ने कहा कि सरकारी उपेक्षाऐं उन के हौंसलो के जलते चिरागों में धी डालने का काम कर रही है। मजबूत जज्बे और इरादो से आन्दोलन को आगे ले जाने की बात करते हुए युवा पीढ़ि ने कहा कि बिना पूर्ण समाधान लिये किसी भी कीमत पर वापिस नही लौटा जायेगा।
इस अवसर पर आन्दोलन को सफल नैतृत्व प्रदान कर रहे भूमि बचाओ मुहिम के संयोजक जगतार सिंह बाजवा ने युवाओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि 10 सितंबर को बाजपुर तहसील परिसर में बाजपुर क्षेत्र के भूमि पीड़ितों की पंचायत बुलाई गयी है। उन्होंने कहा कि इस पंचायत में सभी से चर्चा कर, सर्वसहमति से आंदोलन के आगामी कार्यक्रम घोषित किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि पंचायत में किसानों के बड़े नेताओं को बुलाने पर भी विचार विमर्श किया जाएगा।
इस अवसर पर आंदोलन के आयोजक राजनीत सिंह सोनू ने कहा कि अभी तो क्षेत्र के लोग ही आंदोलन को चला रहे यदि शीघ्र समाधान ना निकला तो बड़े कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। उन्होंने सरकार को चेतावनी दी कि वह आन्दोलन को हल्के से ना ले और ना ही उन के धेर्य की परीक्षा ले। उन्होंने कहा कि सामान्य सा दिखने वाला आन्दोलन कब एक बड़े जलजले में तब्दील हो जायेगा यह कोई सोच नही सकता। उन्होंने कहा कि अभी भी वक्त है सरकार जनसरोकार की आवाज को सुने और हजारों पीड़ितों को न्याय दे।
आज आन्दोलन स्थल पर कर्म सिंह पडडा, सतनाम सिंह रंधावा, एनबी भट्ट, दर्शन लाल गोयल, श्याम गोयल, राजेंद्र बेदी, प्रताप संधू, सुरजीत अग्निहोत्री, कुलदीप चैधरी, बलदेव सिंह, अमरनाथ शर्मा, पाल सिंह, बाबू सिंह चैहान, हरदीप सिंह, रूड सिंह, जीत सिंह, गुरदीप सिंह, तरसेम सिंह, सनी खैर, गुरविंदर सिद्धू, जसमीत भुल्लर, सतपाल पन्नू, गुरु प्रताप सिंह काका, मोनी भुल्लर, चंद्रसेन, जसवीर सिंह भुल्लर, हरपाल सिंह खैरा, हरदेव सिंह, जसवंत सिंह, मलूक सिंह,जगराज सिंह, सुनील पाठक, सुखविंदर सिंह, मनोज गोयल, पंकज गुप्ता, प्रताप सिंह संधू, रविन्द्र सिंह सुक्खा, करण शर्मा, संजय सूद, अशोक गोयल, तरुण मित्तल, विकास गोयल, लखविंदर सिंह, सुखविंदर सिंह, हरदेव सिंह, रणजीत सिंह,गुरविंदर सिंह, जयदीप सिंह, रविंद्र सिंह, मलूक सिंह, जसवंत सिंह, हरदेव सिंह, सुनील पाठक, दारा दिलेर रंधावा, गुरु प्रताप सिंह, जसवीर सिंह भुल्लर, राकेश चैहान, अमर सिंह, खेम सिंह राणा, डब्बू भाई, गुरबख्श सिंह, दलजीत सिंह,रोहित बंसल, अभिषेक चैधरी, निरंजन दास गोयल, महेंद्र प्रसाद चैबे, मदन बिष्ट, अमित यादव, अनिल कुमार, संदीप गोयल, रोहित शर्मा, राजा यादव, प्रमोद भटनागर, पप्पू, सुनील पाठक, चंद्रपाल, उमेश कुमार, दुर्गेश कुमार, राम अवतार सिंह, खजान सिंह, टप्पन विश्वास, राजेंद्र कुमार, रंजीत सिंह, करन विश्वास, मदन सिंह, वीर सिंह, नरेश कुमार, राकेश कुमार, छत्रपाल, नोनिहाल सिंह, बाबूराम अदि किसान मजदूर व्यापारी मौजूद रहे। फोटो-09बीजेडपी01-आन्दोलन को समाधान होने तक जारी रखने की शपथ लेते आन्दोलनकारी।
बाजपुर के लोग ही होंगे पंचायत में शामिल
भूमि बचाओ मुहिम के संयोजक जगतार सिंह बाजवा ने बताया कि 10 सितंबर को तहसील परिसर में होने वाली स्थानीय पंचायत में बाजपुर क्षेत्र के पीड़ित परिवार व सहयोगी लोग ही शामिल होंगे एव आंदोलन की आगामी रणनीति बनाएंगे। स्थानीय पंचायत में बाजपुर के बाहर से किसी भी न किसी किसान संगठन को और ना ही किसी किसान नेता को आमंत्रित किया गया है।
स्थानीय पंचायत में आगामी कार्यक्रमों पर निर्णय होने के बाद बड़े किसान संगठनों व किसान नेताओं को आमंत्रित किया जाएगा। इससे पूर्व नगर में ध्वनिविस्तारक यंत्रों से पंचायत में शामिल होने के लिये नगरवासियों को भी आमंत्रित किया गया।
आज आंदोलन स्थल पर केलाखेड़ा क्षेत्र के किसानों के जत्थे ने ग्राम प्रधान हरजिंदर कौर व बलविंदर सिंह के नेतृत्व में पहुंचकर आंदोलन को समर्थन दिया। समर्थन पत्र सौंपते हुए सरकार से यथाशीघ्र समाधान की मांग की। समर्थन देने वालों में भगत सिंह, रणजीत सिंह, सेवक सिंह, सुखविंदर सिंह, मलकीत सिंह, मंगल सिंह, गज्जन सिंह आदि शामिल रहें।