एक्सक्लुसिव

और मंहगाई झेलेंगे देहरादून के वाशिंदे

फल, सब्जी और किराना बेचने वालों पर भी नगर निगम ने लगाया टैक्स

सीमा में आने वाले निजी स्कूलों को भी देना होगा पैसा

न्यूज वेट ब्यूरो

देहरादून। अगर आप देहरादून नगर निगम की सीमा में रहते हैं तो जल्द ही और मंहगाई झेलने को तैयार हो जाएं। नगर निगम ने बड़े व्यापारियों से लेकर फल, सब्जी और किराना बेचने वालों तक से टैक्स वसूलने की तैयारी कर ली है। शिक्षा के मंदिरों को भी नहीं बख्शा गया है। पहले से टैक्स की मार झेल रहे व्यापारी क्या ये नया कर अपने मुनाफे से अदा करेंगे।

नगर निगम ने अभी हाल में ही निगम क्षेत्र में किसी भी तरह का व्यापार करने वालों के लिए लाइसेंस जरूरी कर दिया है। छोटे हों या बड़े व्यापारी सभी को तय रकम जमा करके लाइसें लेना होगा। निगम ने सभी होटलों, नर्सिंग होम, मेडिकल स्टोर, क्लीनिक, निजी पशु अस्पताल, ट्रांसपोर्ट, आटो, विक्रम, टाटा मैजिक, सिटी बस, पानी टैंकर, सीवर टैंकर, स्कूटर एजेंसी या वर्कशाप,, ई रिक्शा सेल्स एंड सर्विस, पेट्रोप पंप, आटा चक्की, लांड्री, लोहा, लकड़ी, बेकरी ज्वैलर्स, निजी बीमा कंपनी और बैंक मोबाइल टावर के लिए लाइसेंस लेना अनिवार्य कर दिया है।

हद तो यह है कि ब्यूटी पार्लर, जनरल एवं किराना स्टोर, सब्जी और फल नर्सरी पर भी टैक्स लगा दिया है। बैंड मास्टर की दुकान को भी टैक्स देना होगा। कक्षा 12 तक के निजी स्कूलों को भी टैक्स के दायरे में लाया गया है। किसी तरह का प, निजी बीमा कंपनी और बैंक मोबाइल टावर के लिए लाइसेंस लेना अनिवार्य कर दिया है।

हद तो यह है कि ब्यूटी पार्लर, जनरल एवं किराना स्टोर, सब्जी और फल नर्सरी पर भी टैक्स लगा दिया है। बैंड मास्टर की दुकान को भी टैक्स देना होगा। कक्षा 12 तक के निजी स्कूलों को भी टैक्स के दायरे में लाया गया है। किसी तरह का प्रचार करने वाले वाहनों से भी टैक्स वसूला जाएगा।

केवल दून निगम के व्यापारियों पर ही क्यों कहर

खास बात यह है कि राज्य में केवल देहरादून नगर निगम ने ही यह टैक्स लगाया है। अन्य किसी भी नगर निगम, नगर पालिका या नगर पंचायत क्षेत्र में इस तरह की कोई व्यवस्था नहीं है। यह अलग बात है कि अन्य निकाय भी देहरादून से प्रेरणा लेकर अपने क्षेत्र में भी इसी तरह की टैक्स वसूली कर सकते हैं।

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