उत्तराखंड

केदारनाथ धाम के लिए हर साल संचालित होने वाली हेली सेवा शुरू, यात्रियों की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं हो पाए

केदारनाथ धाम के लिए हर साल संचालित होने वाली हेली सेवा तो शुरू हो गई, लेकिन यात्रियों की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं हो पाए। हेली सेवा शुरू होने से पहले ही हुए हेलिकॉप्टर हादसे यूकाडा के वित्त नियंत्रक अमित सैनी की मौत ने इसकी कलई खोल कर रख दी।

अधिक से अधिक मुनाफा कमाने के चक्कर में हेली कंपनियां सुरक्षा प्रबंधों की अनदेखी करती हैं। इसके चलते यात्रियों की जान को खतरा बना रहता है। जानकारों के मुताबिक, हेलीपैड पर पहुंचने के बाद यात्रियों को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। टिकट मिलने के बाद उन्हें केदारनाथ धाम तक उड़ान भरने का जो समय दिया जाता है, ज्यादातर मामलों में वे उस समय पर यात्रा नहीं कर पाते। उन्हें लंबा इंतजार कराया जाता है।

हेलिपैड पर पहुंचने से पहले यात्रियों को सुरक्षा मानकों के संबंध में कोई जानकारी नहीं दी जाती। जबकि कायदे से उन्हें सबसे पहले यह बताया जाना चाहिए कि हेलिपैड पर उन्हें किन बातों का ध्यान रखना है, क्या करना है और क्या नहीं करना है।

जब यात्री हेलिपैड पर पहुंच जाते हैं, तब वहां खड़े क्रू मेंबर यात्रियों को बताते हैं कि उन्हें कहां खड़ा होना है। उन्हें जिस आक्रामकता के साथ निर्देश दिए जाते हैं, ज्यादातर यात्री घबरा जाते हैं। कई बार वे समझ नहीं पाते कि उन्हें क्या करना है। हेलिकॉप्टर के हेलिपैड पर पहुंचते ही वहां खड़े क्रू मेंबर यात्रियों को आनन-फानन में हेलिकॉप्टर में चढ़ाते हैं। मिनटों के भीतर हेलिकॉप्टर यात्रियों को उतारता है और उसी क्षण उसमें यात्री बैठते हैं। ऐसी स्थिति में जरा सी असावधानी बड़े हादसे की वजह बन सकती है।

जब हेलिकॉप्टर से यात्री उतारे जाते हैं तो उसके पंखे अनवरत चलते रहते हैं। तेज हवा के बीच कई बार यात्री जानकारी के अभाव में फेंके गए अपने सामान को लेने के लिए हेलिकॉप्टर की ओर चले जाते हैं। यह स्थिति भी कई बार हादसे का कारण बन सकती है।

यूकाडा के अधिकारी ने बताया कि डीजीसीए के नियमों के अनुसार समुद्र तल से 10 हजार फीट की ऊंचाई पर हेलिकॉप्टर का इंजन बंद नहीं किया जाता है। जिससे यात्रियों को हेलिकॉप्टर के पंखे चलते हुए उतारा और बैठाया जाता है। लेकिन हेली कंपनियों की जिम्मेदारी होती है कि उतरने और चढ़ते समय यात्रियों को सुरक्षा के लिए मार्गदर्शन किया जाए।

वहीं, सचिव नागरिक उड्डयन दिलीप जावलकर के मुताबिक हेलिपैड पर यात्रियों को हेलिकॉप्टर में चढ़ाने और उतारने के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को सख्ती से लागू किया जाएगा। इस संबंध में हेली कंपनियों को भी दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे। इसके अलावा हेली टिकटों पर जागरूकता के लिए सुरक्षा की जानकारी दी जाएगी।

केदारनाथ में 2007 में भी हेलिकॉप्टर के पंखे से कटकर हेली कंपनी के पोर्टर की मौत हो गई थी। युवक स्थानीय निवासी था। इस हादसे के बार क्षेत्र में लोगों ने काफी हंगामा किया था।

यूकाडा के वित्त नियंत्रक अमित सैनी के हादसे का वीडियो सोमवार को सामने आया। 17 सेकेंड के वीडियो में दिख रहा है कि हेलिकॉप्टर के दाएं गेट से अमित उतरकर दौड़ते हुए हेलिकॉप्टर के पीछे जा रहे हैं, जैसे ही वो दूसरी तरफ मुड़े तभी टेल रोटर की चपेट में आ गए। हालांकि इस दौरान वहां मौजूद दो लोगों ने उन्हें रोकने की कोशिश भी की, लेकिन हेलिकॉप्टर की तेज आवाज में उनकी आवाज दब गई।

 

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