DM विनय शंकर पांडेय ने बुलाई बैठक, गुरुद्वारा ज्ञान गोदड़ी के निर्माण के लिए जमीन का हल निकलने की उम्मीद
हरिद्वार: आज गुरुद्वारा ज्ञान गोदड़ी के निर्माण के लिए जमीन का हल निकलने की उम्मीद है। डीएम विनय शंकर पांडेय ने बैठक बुलाई है। बैठक में गुरुद्वारा ज्ञान गोदड़ी के निर्माण के लिए भूमि चिह्नित करने और फिर आवंटन को लेकर चर्चा होगी।
गुरुद्वारा ज्ञान गोदड़ी के निर्माण के लिए सिख समाज लंबे समय से आंदोलन कर रहा है। आज तक निर्माण के लिए भूमि नहीं मिल पाई है। भूमि आवंटन के लिए पांच अगस्त 2022 को राज्यपाल के सचिव की अध्यक्षता में अटल बिहारी वाजपेयी अतिथि गृह में बैठक हुई थी।
बैठक में रानीपुर मोड प्रेम नगर आश्रम के पास स्थित उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग की जमीन पर गुरुद्वारा ज्ञान गोदड़ी का निर्माण कराने के लिए सहमति बनी थी लेकिन सिंचाई विभाग ने उक्त जमीन को देने से इंकार कर दिया। अब सात माह बाद फिर से शनिवार को कलक्ट्रेट सभागार में बैठक बुलाई गई है।
सुबह 11 बजे से डीएम की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में गुरुद्वारा ज्ञान गोदड़ी के निर्माण के लिए जमीन चिह्नित करने और फिर आवंटन को लेकर चर्चा होगी। बैठक से सिख समाज के लोगों को गुरुद्वारा ज्ञान गोदड़ी के निर्माण के लिए जमीन मिलने की बड़ी उम्मीद है।
बैठक में गुरुद्वारा ज्ञान गोदड़ी प्रबंध समिति और अधिकारियों से चर्चा की जाएगी। जिला प्रशासन जमीन देने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। जिससे गुरुद्वारा का निर्माण हो सके।
– राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष की अनुमति के बाद ही गुरुद्वारा ज्ञान गोदड़ी के निर्माण के बैठक कराई जाती है। इसलिए बैठक कराने में समय लगता है। –
– बैठक में केवल प्रबंध समिति के पदाधिकारियों को बुलाया जाता है जबकि गुरुद्वारा ज्ञान गोदड़ी के निर्माण के लिए सिख समाज की अनेक संस्थाएं और संगठन संघर्ष कर रहे हैं। जिससे ऐसी सभी संस्थाओं और गुरुद्वारा के प्रतिनिधियाें को भी बैठक में बुलाया जए। जिससे सिख के अधिक से अधिक लोगों के आने से विवाद का जल्द निस्तारण हो सके।
हरकी पैड़ी ऐतिहासिक स्थान है इसलिए वहीं पर गुरुद्वारा ज्ञान गोदड़ी के निर्माण के लिए आंदोलन जारी रहेगा। दूसरी जगह जमीन देकर गुरुद्वारा ज्ञान गोदड़ी के निर्माण को नहीं माना जाएगा। हरकी पैड़ी के अलावा कहीं दूसरी जगह भूमि देने की बात है तो वह स्वयं अपने खेत की दस बीघा जमीन देने के लिए तैयार हैं। लेकिन जो मान्यता हरकी पैड़ी की है, वो कहीं और की नहीं हो सकती है। यहां गुरुनानक देवजी के रहने का पवित्र स्थान रहा है। इसलिए जब तक हरकी पैड़ी पर जमीन का आवंटन नहीं होगा, तब आंदोलन करते रहेंगे। उनके बाद इस आंदोलन को उनके बच्चे लेकर चलेंगे।