डोनेशन तो केदारनाथ धाम के नाम पर ले रहे हो रौतेला जी
न्यूज वेट ने क्यूआर कोड पर भेजा एक रुपया तो हुआ खुलासा
ताकतवर इतने कि एक नेशनल एजेंसी से जारी कराया बयान
देहरादून। दिल्ली में बन रहे कथित तौर पर केदारनाथ धाम में तमाम छुपे रहस्य है। इसका निर्माण कराने में लगी संस्था ने डोनेशन के लिए जो क्यूआर कोड जारी किया है, वो खाता केदारनाथ धाम के नाम से ही है। ये इतने ताकतवर हैं कि एक नेशनल एजेंसी से माध्यम से बयान जारी करे सुरेंद्र रौतेला कह रहे हैं कि ये मंदिर बन रहा है, धाम नहीं।
नई दिल्ली में बाबा केदारनाथ धाम की अनुकृति निर्माण का मामला खासा चर्चा में है। इसके कर्ताधर्ता कोई सुरेंद्र रौतेला हैं। उन्होंने पिछले दिनों अपने तमाम सियासी ताल्लुकातों का इस्तेमाल करके इस धाम का शिलान्याश करवाया। जाने वाले तमाम लोगों को पता ही न था कि खेल क्या है। मामला उस वक्त तूल पकड़ा जब आयोजन समिति ने एक आमंत्रण पर जारी किया। इसमें डोनेशन के लिए एक क्यूआर कोड भी लगाया गया। न्यूज वेट ने इस कोड पर एक रूपये का डोनेशन भेजा तो साफ दिखा कि ये खाता केदारनाथ धाम के नाम पर है।
सवाल ये है कि जब केदारनाथ मंदिर समिति सारा काम कर रही है तो केदारनाथ धाम के नाम पर डोनेशन कैसे लिया जा सकता है। न्यूज वेट ने इसकी पड़ताल की। तो पाया कि बाबा केदारनाथ धाम के एक नया धाम दिल्ली में बनवाया जा रहा है। इसमें उत्तराखंड के तीर्थ पुरोहितों का कोई भी योगदान नहीं है। फिर भी बाबा के नाम पर डोनेशन सरेआम लिया जा रहा है।
बताया जा रहा है कि इसमें शामिल लोग ऊंची पहुंच वाले हैं। इसी वजह से उन्होंने उत्तराखंड के भाजपा नेताओं समेत संतों को भी गुमराह करके शिलान्याश के वक्त एकत्र कर लिया। इनकी ताकत का अंदाज इसी से लगाइये कि जब मामला सोशल मीडिया में तूल पकड़ा तो एक नेशनल समाचार एजेंसी के माध्यम से सुरेंद्र रौतेला का बयान जारी कराया गया कि दिल्ली में मंदिर बन रहा है धाम नहीं।
अब न्यूज वेट का सवाल है कि अगर ये मंदिर है तो ट्रस्ट के नाम में धाम क्यों और डोनेशन के लिए बैंक खाते के क्यूआर कोड में केदारनाथ धाम क्यों। रौतेला जी। ये उत्तराखंड की पढ़ी लिखी जनता है, आप गुमराह नहीं कर सकते उत्तराखंड की जनता को।