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अपनी ही गुगली पर बोल्ड होते दिख रहे मंत्रीजी

  • शायद भूल गए थे राहुल की कांग्रेस नहीं, ये मोदी और शाह की है भाजपा
  • पदोन्नति में आरक्षण का रोस्टर बदलने को तैयार नहीं सरकार
  • बदलाव कराने के लिए मंत्रीजी ने दी डाली थी इस्तीफ का धमकी

न्यूज वेट ब्यूरो  ।  देहरादून

अपनी मर्जी का काम करवाने के लिए इस्तीफे गुगली फेंकने वाले मंत्रीजी अब अपनी ही गेंद पर बोल्ड होते दिख रहे हैं। त्रिवेंद्र सरकार ने उनकी धमकी को कोई तव्वजों नहीं और आऱक्षण के रोस्टर में कोई भी बदलाव न करने का फैसला कर सा लिया। लगता है कि इस्तीफे का बात करते वक्त मंत्रीजी यह भूल गए थे कि वे इस समय राहुल का कांग्रेस नहीं, मोदी और अमित शाह वाली भाजपा सरकार के मंत्री हैं।

मंत्रीजी सियासत के शुरुआती दौर से ही कांग्रेसी हैं। कांग्रेस की सरकारों के समय पर वे सारा काम अपनी मर्जी से ही करते रहे हैं। गर सरकार ने उनकी कोई बात नहीं मानी तो मंत्रीजी कोपभवन में चले जाते थे। मान मनौव्वल करवाते थे और अपनी मर्जी का काम करवाकर ही दम लेते थे। 2017 के विस चुनाव से पहले मंत्रीजी ने भाजपा का दामन थाम लिया।

शुरुआती दौर में भाजपा ने उनकी बातें मानी और बेटे को भी विधायकी का टिकट दे दिया। सरकार बनी तो मंत्रीजी फिर से मंत्री बन गए। बताया जा रहा रहा है कि वक्त गुजरने के साथ ही मंत्रीजी को अपनी मर्जी के काम करवाने में दिक्कतें आने लगीं। इसके बाद मंत्रीजी को कांग्रेस के समय के सियासी हथियार याद आने लगे। जरूर पढ़ेंः- ये दाग अच्छे हैं

आरक्षण के रोस्टर का मुद्दा आया तो त्रिवेंद्र सरकार ने गेंद उन्हीं के पाले में डाल दी और उन्हें कैबिनेट सब कमेटी का अध्यक्ष बना दिया। सब कमेटी की रिपोर्ट पर मंत्रीजी ने भी हस्ताक्षर किए। शासनादेश जारी होने का मौका आया तो मंत्रीजी बदल गए। अपने ही हस्ताक्षर वाली रिपोर्ट में बदलाव की मांग कर डाली। लेकिन सरकार ने कोई तरजीह नहीं दी।

इसके बाद मंत्रीजी ने कैबिनेट से इस्तीफा देने की धमकी दे डाली। मामला मीडिया में आया तो सरकार ने एक मंत्री को उनके पास भेजा। लेकिन मंत्री ने मिलना भी गंवारा न किया। बात हाईकमान तक पहुंची तो मंत्रीजी की ओर कहा गया कि इस्तीफे की बात नहीं की।

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केवल असहमति ही जताई थी। अरे मंत्री जी अपनी ही रिपोर्ट से आप कैसे असहमत हो सकते हैं। बताया जा रहा कि नरेंद्र मोदी और अमित शाह वाली भाजपा को मंत्रीजी का यह रवैय्या रास नहीं आया।

अब सरकार की ओऱ से लगभग साफ कर दिया गया है कि आरक्षण के रोस्टर के बारे में जारी शासनादेश में बदलाव की फिलहाल कोई गुंजाइश नहीं है। अब मंत्रीजी क्या रास्ता अपनाते हैं, यह तो आने वाले वक्त में ही सामने आएगा। फिलवक्त तो मंत्री जी अपनी ही गुगली पर बोल्ड होते नजर आ रहे हैं।

 

 

 

 

 

 

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