Uncategorizedएक्सक्लुसिवराजनीति

उत्तराखंडः आईएएस दंपति रतूड़ी ने बनाया कीर्तिमान

पति-पत्नी दोनों ही राज्य में अपनी सेवाओं में शीर्ष पद तक पहुंचे

एमपी के कायस्थ परिवार की राधा को भाई उत्तराखंड की संस्कृति

सीएम धामी ने महिला सशक्तिकरण के तहत बनाया मुख्य सचिव

देहरादून। देश में शायद की कोई ऐसा कीर्तिमान हो जो उत्तराखंड कैडर के दंपति ने बनाया हो। पति आईपीएस प्रदेश सेवा के सर्वोच्च पद डीजीपी से रिटायर हुए तो पत्नी आईएएस राधा रतूड़ी ने उत्तराखंड में ही मुख्य सचिव का पद हासिल किया है।

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने एक रोज पहले ही महिला सशक्तिकरण की दिशा में कदम बढ़ाते हुए आईएएस अफसर राधा रतूड़ी को सूबे के मुख्य सचिव बनाया है। विगत सायं उन्होंने पदभार ग्रहण भी कर लिया है। धामी सरकार के इस फैसले के बाद रतूड़ी दंपति से देश के इतिहास में एक अपना नाम दर्ज करा लिया है।

दरअसल, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी के पति पूर्व आईपीएस अनिल रतूड़ी उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक रह चुके हैं। यह पद राज्य में पुलिस महकमे का सर्वोच्च पद होता है। इसी तरह से मुख्य सचिव का पद शासन का सर्वोच्च पद होता है। इस तरह से रतूड़ी दंपति ने अपनी-अपनी सेवाओं का सर्वोच्च पद हासिल करके देश के इतिहास में अपना नाम दर्ज करा लिया है।

यहां बता दें कि राधा रतूड़ी मूल रूप से मध्य प्रदेश की रहने वाली हैं और कायस्थ समाज से हैं। लेकिन पर्वतीय मूल के अनिल रतूड़ी से विवाह और उत्तराखंड कैडर लेने के बाद से ही उन्होंने खुद को पहाड़ी परंपराओं से जोड़ लिया। राधा रतूड़ी और उनके पति अनिल के पहाड़ी भाषा के कई गीत खासे लोकप्रिय हुए हैं। दोनों ने बच्चों की शादी भी बेहद सादगी से की। ऱाधा रतूड़ी को पहाड़ी टोपी से ही बहुत प्यार है। लगभग हर आयोजन में वे इसे ही पहनती हैं। मुख्य सचिव का कार्यभार लेते वक्त भी उन्होंने इसी टोपी को पहना था।

एक बात और। राधा रतूड़ी बेहद सादगी की जीवन जीती हैं। कभी भी किसी काम से लिए उन्होंने अपने ओहदे का इस्तेमाल नहीं किया। उन्होंने अपनी बेटी का ड्राइविंग लाइसेंस भी प्रमुख सचिव होते हुए लाइन में लगकर बनवाया। वरिष्ठ पत्रकार राजीव नयन बहुगुणा ने अपनी फेसबुक पर एक पोस्ट साझा की है। जिसमें उन्होंने लिखा है कि टिहरी की डीएम रहते राधा रतूड़ी ने किस तरह से खुद को टिहरी की बहु कहते हुए एक बड़े आंदोलन को खत्म किया था।

बहरहाल, ऱाधा रतूड़ी के मुख्य सचिव बनते ही इस दंपति से एक ऐसा इतिहास रच दिया है कि देश में फिर से शायद ही इसकी बानगी फिर से देखने को मिले। इसमें सीएम पुष्कर सिंह धामी का भी बड़ा योगदान है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button