एक्सक्लुसिव

ड्यूटी पर सख्त तो मिशन हौंसला में इंसानियत

कोरोना काल में उत्तराखंड पुलिस जीत रही अवाम का दिल

दो माह में वसूला 5.67 करोड़ का जुर्माना

पांच लाख मास्क किए लोगों को वितरित

ऑक्सीजन, प्लाजा, बेड और दवाएं दीं

जरूरतमंदों को समय पर दिलवाईं एंबुलेस

सात सौ से अधिक शवों का अंतिम संस्कार

देहरादून। पिछले दो माह के कोरोना काल में उत्तराखंड पुलिस एक नए रूप में दिखाई दी है। पुलिस ने जहां अपनी ड्यूटी को सख्ती से निभाते हुए 5.67 करोड़ का जूर्माना वसूला तो दूसरी ओर विभाग के मिशन हौंसला में बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया और जरूरमंदों की हर तरीके से मदद की। पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार कहते हैं कि खाकी में भी इंसान होते हैं, इस बात हमारी पुलिस ने साबित कर दिया है।

कोरोना महामारी के इस दौर में पुलिसकर्मियों को मेहनत से अपनी ड्यूटी के अंजाम करने के साथ ही लोगों की मदद का टास्क भी दिया गया था। इसके लिए विभाग ने मिशन हौंसला शुरू किया था। पुलिस मीडिया से ले से मिली जानकारी के अनुसार 24 मार्च से 25 मई के बीच मास्क न पहनने पर 1,17,483 और सोशल डिस्टेंसिंस समेत अन्य मामलों के उल्लंघन पर 2,28,686 लोगों ने 5.67 करोड़ का जुर्माना वसूला गया। इस अवधि में पुलिस ने पांच लाख से अधिक मास्क भी वितरित किए।

पुलिस ने मिशन हौंसला में भी बेहतर काम किया है। इस अवधि में पुलिस को 27,993 लोगों ने कॉल किया। लोगों की मांग पर पुलिस ने 2478 जरुरतंदों को ऑक्सीजन दिलवाई, 744 लोगों को विभिन्न अस्पतालों में बेड दिलवाए। इतना ही नहीं 208 मरीजों को प्लाज्मा भी दिया। 15,841 लोगों को दवाएं व अन्य सामान उपलब्ध कराया। 586 लोगों को वक्त पर एंबुलेंस दिलवाने में सहयोग किया। लगभग 40 हजार को राशन व पका भोजन उपलब्ध कराया। 35 हजार से अधिक लोगों को दूध व अन्य जरूरी सामान घरों कर भिजवाया। चार हजार सीनियर सिटीजन की मदद की गई। कोरोना के इस दौर में जब परिजनों द्वारा मृतक के शव से दूर रहने की तमाम बातें सामने आई तो उत्तराखंड पुलिस ने अब तक 709 शवों का खुद ही अंतिम संस्कार किया है।

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