रास चुनावःस्थानीय के साथ क्षेत्रीय संतुलन भी साधा
सोशल मीडिया में बंसल और बहुगुणा दोनों हो रहे खासे ट्रोल
आखिरकार पैराशूट प्रत्याशी से बची भाजपा
सीएम त्रिवेंद्र के साथ से खुली नरेश की राह
देहरादून। भाजपा नेता नरेश बंसल का राज्यसभा जाना तय हो गया है। बंसल को टिकट देकर भाजपा ने एक तो पैराशूट प्रत्याशी से परहेज किया और दूसरे मैदान-पहाड़ का क्षेत्रीय संतुलन भी साध लिया। इस मामले का एक पहलू यह भी है कि टिकट पाने वाले बंसल और महरूम रहे विजय बहुगुणा दोनों ही सोशल मीडिया में खासे ट्रोल हो रहे हैं।
कांग्रेस ने राजबब्बर को रास भेजा था। लेकिन उन्होंने उत्तराखंड के लिए कुछ नहीं किया। अब बारी भाजपा की थी तो यहां भी पैराशूट प्रत्याशियों के नाम में तैरने लगे। सवाल उठाए जा रहे थे कि क्या भाजपा भी कांग्रेस की राह पर चलेगी। नतीजा नरेश बंसल के रूप में सामने आया तो साफ दिखा कि भाजपा ने पैराशूट प्रत्याशी को तरजीह नहीं दी। भाजपा ने बंसल को टिकट देकर पहाड़ बनाम मैदान का क्षेत्रीय संतुलन भी साधा है। पिछले दिनों भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को लेकर भी पहाड़ बनाम मैदान का मुद्दा खासा उछला था। लेकिन अध्यक्ष का पद पहाड़ के हिस्से में गया था। इससे पहले हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर जैसी लोस की मैदानी सीटों पर भी पर्वतीय लोगों को टिकट मिला था। बंसल को टिकट देकर भाजपा ने इस मुद्दे को शांत करने की कोशिश भी की है।
इधर, प्रत्याशी के नाम का एलान होते ही टिकट पाने वाले नरेश बंसल और पैनल में पहले नंबर पर नाम वाले विजय बहुगुणा दोनों ही सोशल मीडिया में खासे ट्रोल हो रहे हैं। एक को कांग्रेसी मूल का होने की बात करके टिकट न मिलने पर ट्रोल किया जा रहा है। एक भाजपाई नेता ने लिखा कि दूसरे दलों से आने वाले लोग आज की भाजपा में एडजस्ट को हो सकते हैं पर भाजपा उन्हें डाइजेस्ट नहीं करती है। टिकट पाने वाले नेता जी भी जमकर ट्रोल हो रहे हैं। एक यूजर ने लिखा कि भाजपा ने आम अवाम में पकड़ वाले नेता को राज्यसभा भेजकर लोकसभा की एक सीट खतरे में डाल दी है। ये नेता जी किसी भी सीट से चुनाव लड़ते को भारी बहुमत से जीतकर लोकसभा में जाते। दोनों के बारे में इसी तरह की बातों से सोशल मीडिया भरा पड़ा है।
राज्यपाल बनाए जा सकते हैं बहुगुणा
पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व सांसद विजय बहुगुणा को राज्यपाल बनाया जा सकता है। सियासी गलियारों में इसकी चर्चा तेज हो रही है। पहले उन्हें राज्यसभा भेजने की बात हो रही थी। लेकिन ऐसा नहीं हो सका। चर्चा है कि उन्हें गोवा का राज्यपाल बनाकर भेजा जा सकता है।
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