अब गैरसैंण के भूमिधर बने सीएम त्रिवेंद्र
मुख्यमंत्री ने ट्वीट में लिखा,जनप्रतिनिधियों को करना होगा रिवर्स पलायन
बोले, इसी से ही सुधरेगी पहाड़ की तकदीर और तस्वीर
देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सियासी मुखालिफों को बड़ा संदेश दिया है। आजादी का सालगिरह के मौके पर त्रिवेंद्र गैरसैँण के भूमिधर बन गए हैं। अपने ट्वीट में उन्होंने इसकी जानकारी दी है और कहा कि वक्त आ गया है कि जनप्रतिनिधि खुद रिवर्स पलायन करे। इसी से पहाड़ की तकदीर और तस्वीर सुधर सकती है।
गैरसैँण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित करके सियासी बढ़त ले चुकी त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार पर कांग्रेसी दिग्गज हरीश रावत खासे हमलावर हैं। हरीश अब स्थायी राजधानी की बात कर रहे हैं। त्रिवेंद्र ने भी उन्हीं के अंदाज में सियासी जवाब देना शुरू कर दिया है। जश्न-ए-आजादी दिवस पर उन्होंने पहले को गैरसैंण (भराड़ीसैँण) के लिए करोड़ों रुपये का योजनाओं का एलान किया और फिर भराड़ीसैंण जाकर विधानभवन पर झंडारोहण किया।

त्रिवेंद्र यहीं पर नहीं रुके। आज उन्होंने एक ट्वीट किया है। इसमें त्रिवेंद्र लिख रहे हैं कि गैरसैंण जनभावनाओं का प्रतीक है। गैरसैंण हर उत्तराखंडी के दिल में बसता है। लोकतंत्र में जनभावनाएं सर्वोपरि होतीं है। गैरसैँण के रास्ते ही समूचे उत्तराखंड का विकास किया जा सकता है। इसके लिए सबसे पहले जनप्रतिनिधियों को ही रिवर्स पलायन करना होगा। रिवर्स पलायन से ही पहाड़ की तकदीर और तस्वीर सुधरेगी। त्रिवेंद्र लिखते हैं कि स्वतंत्रता दिवस के पावन अवसर पर मैं भी गैरसैँण का विधिवत भूमिधर बन गया हूं।
अपने इस ट्वीट से त्रिवेंद्र ने उन सियासी नेताओं को संदेश दिया है, जो रहते तो दिल्ली और देहरादून में हैं। लेकिन जुबां पर गैरसैंण ही रहता है। सीएम ने संदेश दिया है कि वे तो रिवर्स पलायन कर रहे हैं अगर गैरसैँण के हिमायती है तो आप भी आगे आइए।