काशीपुरः त्रिकोणीय मुकाबले के हैं आसार

एनडी तिवारी की कर्मभूमि में दिलचस्प हो गया चुनाव
पिता की हार का बदला लेने को बेताब नरेश
जीत को बरकरार रखने की कोशिश में त्रिलोक
तो अपने अंदाज में मुकाम तलाश रहे हैं दीपक
देहरादून। ऊधमसिंह नगर जिले की काशीपुर विस सीट कांग्रेसी दिग्गज स्व. एनडी तिवारी की कर्मभूमि रही है। बीस साल बाद इस सीट पर चुनाव बेहद दिलचस्प मोड़ पर है और साफ दिख रहा है कि यहां त्रिकोणीय मुकाबले के आसार बन रहे हैं। अब ये 10 मार्च को ही तय होगा कि नरेश अपने पिता की हार का बदला चुकाते हैं या फिर त्रिलोक अपने पिता की जीत का परचम फिर लहराते हैं या फिर नए अंदाज की राजनीति कर रहे दीपक बाली कोई करिश्मा कर दिखाते हैं। काशीपुर सीट पर लंबे समय तक कांग्रेस का कब्जा रहा है। स्व. एनडी तिवारी ने इस क्षेत्र को सजाया और संवारा। लेकिन राज्य गठन के बाद यह सीट अकाली कोटे के नाम पर भाजपा के कब्जे में रही है।
अब बात करते हैं इस सीट पर 2022 के चुनाव की। राज्य गठन के बाद कांग्रेस ने इस सीट से पूर्व सांसद केसी सिंह बाबा को प्रत्याशी बनाया। अकाली कोटे के नाम पर भाजपा ने उद्योगपति हरभजन सिंह चीमा को टिकट दे दिया। इस चुनाव में बाबा महज 1500 वोटों से चुनाव हार गए। उसके बाद से इस सीट पर 20 सालों से चीमा ही जीतते रहे।
इस बार नजारा कुछ अलग है। कांग्रेस ने बाबा के बेटे नरेश चंद को टिकट दिया है तो तमाम विरोध के बाद भी चीमा ने अपने बेटे त्रिलोक के लिए टिकट हासिल कर लिया है। दोनों दलों के बीच विरोध का बात तो दरकिनार कर भी दें तो एक बेहद दिलचस्प चुनाव होने वाला है। कांग्रेस के नरेश 20 साल पहले हुई अपने पिता की हार का बदला लेने को बेचैन हैं तो भाजपा के त्रिलोक अपने पिता की जीत का परचम एक बार फिर लहराने को तैयार हैं।
इन दोनों के बीच आप नेता दीपक बाली अपने ही अंदाज में दोनों दलों पर झाडू फेरने की तैयारी में हैं। भाजपा और कांग्रेस के अभी टिकट तय भी नहीं हुए थे तो दीपक ने हर बूथ तक आप की कमेटियां बना दी हैं। आप मुखिया केजरीवाल की गारंटी योजनाओं के कार्ड घर-घर बांटे जा चुके हैं। एक तरफ जहां कांग्रेस और भाजपा में रूठों को मनाने का दौर है तो दीपक की टीम हर घर तक पहुंच रही है।
हालांकि इस सीट पर बसपा ने गगन कंबोज को प्रत्याशी बनाया है। लेकिन उन्हें अभी बहुत तैयारी करनी है। देखने वाली बात यह होगी क्या गगन इस चुनाव को चतुष्कोणीय बनाने की दिशा में क्या करते हैं।
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