‘दूरदर्शन’ ने खुद को सिद्ध किया ‘भाजपा दर्शन’
डीडी कनक्लेव में न बोलने देने पर “भड़के” हरदा
देहरादून। देहरादून दूरदर्शन ने उत्तराखंड रण नाम से एक कनक्लेव का आयोजन किया था। इसमें हरीश रावत को भी ऑनलाइन जोड़ा गया था। हरदा का आरोप है कि एंकर ने सवाल तो किए। लेकिन जवाब का मौका नहीं दिया। इससे भड़के हरदा ने लिखा कि आखिरकार दूरदर्शन ने खुद को भाजपा दर्शन साबित कर ही दिया।
अपनी फेसबुक पोस्ट में हरदा लिखते हैं कि ‘दूरदर्शन ने आज बड़ी ख्वाहिश से मुझको एक डिस्कशन में बुलाया। इसे नाम दिया उत्तराखंड का रण और उसमें अंततोगत्वा दूरदर्शन ने अपने आपको भाजपा दर्शन सिद्ध कर दिया। मुझसे कुछ सवाल पूछे। जब मैंने जवाब देकर के कहा कि जो आदेश को कहते हैं 2016 में निकला, उस आदेश को 5 साल तक कहां छुपाकर के रखा था कि केवल चुनाव के वक्त में जब चुनाव आचार संहिता लगी हुई है तो उसमें एक झूठा कागज देकर जिसमें कोई व्यक्ति उसका खंडन न कर सके, आप एक झूठ के सहारे हमारे ऊपर एक आरोप थोपते हैं’।
हरदा लिखते हैं कि ‘जब आपको लगा कि यह आरोप भी नहीं चल पा रहा है तो आपने दूसरा आरोप लगा दिया मुस्लिम यूनिवर्सिटी का और जब वह आरोप भी नहीं टिक सका तो आपने मेरी एक फोटो वायरल कर दी, जिसमें मुझको दाढ़ी, मूछ और मुस्लिम टोपी पहने दिखा दिया, जिसके लिये चुनाव आयोग ने आपको फटकार लगाई। तो दूरदर्शन को मेरे जवाब इतना नागवार लगा कि पहले तो उत्तर सुनने से इनकार कर दिया फिर भी मैंने अपनी बात कहना जारी रखा और मैंने बलपूर्वक आग्रह किया कि आप मेरी बात सुनिए तो दूरदर्शन ने अपना स्विच ऑफ कर दिया’।
हरदा ने लिखा कि ‘देखिए दूरदर्शन जैसी संस्थाएं इस तरीके से अपनी साख को बट्टा लगाएंगी और इस तरीके से एकतरफा भाजपा दर्शन के रूप में अपने को पेश करेंगी तो देश के लोकतंत्र का भगवान मालिक है। वैसे ही लोकतांत्रिक संस्थाएं खतरे में हैं, संवैधानिक संस्थाएं खतरे में हैं और दूरदर्शन की तो खैर बात ही क्या है? मुझे एंकर पर तरस आ रहा है कि उन्होंने अपनी प्रतिष्ठा भी दांव पर लगाकर के एक गेस्ट का अपमान किया है। मैं समझता हूं इससे न दूरदर्शन की प्रतिष्ठा बढ़ी है, एंकर की प्रतिष्ठा बढ़ी है’।
“जय हिंद- जय उत्तराखंड”