अहम प्रतिष्ठा के चंपावत “रण” से दूर ही रहे कांग्रेसी दिग्गज 
वाकओवरःसीएम के मुकाबले एक पूर्व प्रधान !
हरदा के पास था सियासी ताकत दिखाने का मौका
जून माह में प्रदीप टम्टा का कार्य़काल होगा खत्म
कुमाऊं में कांग्रेस को नहीं मिला कोई कद्दावर नेता
देहरादून। चंपावत उप चुनाव के रण में कांग्रेस किसी कद्दावर नेता को मैदान में नहीं उतार सकी। उप चुनाव में जीत का दावा करने वाले दिग्गज कांग्रेसियों ने एक पूर्व प्रधान को मुख्यमंत्री के सामने मैदान में उतारा है। कहा जा रहा है कि ऐसा करके कांग्रेस ने सीएम पुष्कर सिंह धामी को वाकओवर सा दे दिया है। अहम बात यह भी है कि इस उप चुनाव के जरिए हरीश रावत भी अपनी सियासी ताकत दिखा सकते थे।
चंपावत सीट खाली होते ही यह साफ हो गया था कि सीएम धामी इसी सीट से चुनाव लड़ेगे। इसके बाद से ही कांग्रेसी दिग्गजों ने बड़-बड़े बोल शुरू कर दिए। कहा जाने लगा कि कांग्रेस सीएम धामी को न केवल कड़ी टक्कर देगी, बल्कि हर हाल में जीत भी हासिल करेगी। उस समय ऐसा लग रहा था कि कांग्रेस अपने किसी दिग्गज को सीएम धामी का मुकाबला करने के लिए सियासी रण में उतारेगी।
उस समय चर्चा तेज रही कि फिलवक्त पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत किसी ओहदे पर नहीं है। ऐसे में कांग्रेस उन्हें मैदान में उतार सकती है। फिर यह कहा गया कि अगले माह सांसद प्रदीप टम्टा का राज्यसभा का कार्यकाल भी खत्म हो रहा है। लिहाजा कांग्रेस इस दिग्गज को चंपावत के चुनावी समर में भेजेगी।
लेकिन आज जब नाम सामने आया तो पता चला कि कांग्रेस ने एक पूर्व ग्राम प्रधान निर्मला गहतोड़ी को मैदान में उतरा है। बताया जा रहा है कि उन्होंने प्रधान के अलावा कोई चुनाव नहीं जीता है। अलबत्ता कांग्रेस की जिलाध्यक्ष जरूर रहीं हैं। साथ ही कांग्रेस सरकार में एक सरकारी ओहदा देकर उन्हें राज्यमंत्री का दर्जा दिया गया था।
पार्टी के इस फैसले से चंपावत के कांग्रेसी भी सकते की हालत में हैं। कोई जुबां तो नहीं खोल रहा है पर इशारा किया जा रहा है कि कांग्रेस ने सीएम धामी को चंपावत में एक तरह से वाकओवर ही दे दिया है। अगर कोई बड़ा नेता धामी सामने आता तो शायद कड़ा मुकाबला देखने को मिल सकता था। लोगों का कहना है कि इससे बेहतर प्रत्याशी तो पूर्व विधायक हेमेश खर्कवाल ही साबित होते। बहरहाल, कांग्रेस ने क्या सोच कर एक महिला पूर्व प्रधान को सीएम धामी के मुकाबले के लिए मैदान में उतारा है, यह तो बड़े बोल बोलने वाले कांग्रेसी दिग्गज ही जानते होंगे। लेकिन फिलवक्त साफ दिख रहा है कि कांग्रेस ने एक तरह से सीएम धामी को वाकओवर दे दिया है।