विपक्ष से मुद्दे ‘छीन’ रहे सीएम पुष्कर

देवस्थानम् बोर्ड के बाद अब भू-कानून की बारी !
वैट घटाकर मंहगाई पर भी किया है बार
रोजगार के लिए चला रहे भर्ती अभियान
पांच माह में पांच सौ से अधिक घोषणाएं
घोषणाओं पर तेजी से हो रहे शासनादेश
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सियासत के मंझे खिलाड़ी के तौर पर बल्लेबाजी कर रहे हैं। विपक्ष जिस बॉल (मुद्दा) को गुगली समझ कर फेंक रहा है, धामी उसी को बॉउड्री के पार कर दे रहे हैं। विपक्ष ने देवस्थानम् बोर्ड को चुनावी मुद्दा बनाने की कोशिश की तो धामी ने उसे खत्म ही कर दिया। अब विपक्ष भू-कानून की बात कर रहा है तो धामी इस मुद्दे को भी विपक्ष ने छीनने की तैयारी में हैं।
भाजपा ने युवा पुष्कर सिंह धामी को चुनाव से पहले सीएम बनाकर एक दांव चला था। धामी के पास महज पांच माह यानि दिसंबर तक ही वक्त था। इसमें से चार माह गुजर चुके हैं। इस गुजरे चार माह में सीएम धामी ने सियासी परिपक्वता का इजहार किया है। धामी सीधे हमले से बचे और विपक्ष के सवालों का जवाब काम दे दिया।
बेरोजगारी को विपक्ष ने मुद्दा बनाया तो धामी ने तमाम विभागों में नौकरियों के द्वार खोल दिए। फिर पेट्रो पदार्थों की कीमतों में बढ़ोतरी की बात की गई तो सीएम ने सरकारी खजाने की हालत दुरुस्त न होने पर भी वैट में कमी करके कीमत कम करने की कोशिश की। विकास की बात आने पर पूरे प्रदेश का दौरा करके तमाम घोषणाएं की और उन पर अमल भी करवाया।
कांग्रेस ने देवस्थानम् बोर्ड को मुद्दा बनाया और कहा कि सत्ता में आने पर इसे समाप्त किया जाएगा। सीएम धामी ने इस बोर्ड पर अध्ययन के लिए एक कमेटी बनाई और उसकी रिपोर्ट लेकर इस बहुचर्चित बोर्ड को खत्म कर दिया। ऐसा करके धामी ने चुनाव के दौरान भाजपा नेताओं के सामने आने वाली परेशानी को भी समाप्त कर दिया। अब एक बड़ा मामला भू-कानून में संशोधन का है। इसे लेकर खासा विरोध हो रहा है। धामी ने इस कानून का अध्ययन करने के लिए एक कमेटी बनाई। कमेटी ने लोगों और संस्थाओं से सुझाव लिए। सात दिसंबर को कमेटी इन सुझावों का अध्ययन करेगी और अपनी रिपोर्ट सरकार को देगी। माना जा रहा है कि रिपोर्ट मिलने के बाद धामी सरकार इस मुद्दे पर भी अहम फैसला लेकर विपक्ष से यह मुद्दा भी छीन लेगी।