खुलासा

त्रिवेंद्र सरकार चली योगी की ‘राह’

गर प्रदर्शन में हुई क्षति तो ‘नेता जी’ से होगी इसकी भरपाई

सक्षम प्राधिकारी करेगा नुकसान की आंकलन

सरकारी के साथ ही निजी संपत्ति पर भी लागू

अदा न करने पर होगी भू-राजस्व की तरह वसूली

न्यूज वेट ब्यूरो

देहरादून। किसी तरह के प्रदर्शन या धरने के दौरान अगर सरकारी या निजी संपत्ति को कोई नुकसान होता है तो इसकी भरपाई नेताजी से की जाएगी। क्षति राशि अदा न करने पर इसकी वसूली भू-राजस्व की भांति की जाएगी। यूपी की योगी सरकार की तर्ज पर उत्तराखंड की त्रिवेंद्र सरकार ने भी इस बारे में आदेश जारी कर दिया है।

एनआरसी समेत अन्य मांगों को लेकर यूपी में हुए प्रदर्शन में सरकारी और निजी संपत्तियों को भारी नुकसान हुआ था। इसके बाद योगी सरकार ने एक आदेश जारी करने इस तरह के नुकसान की भरपाई के लिए एक आदेश जारी किया था। यह आदेश सुप्रीम कोर्ट के 2009 में डिस्ट्रिक्शन ऑफ पब्लिक एंड प्राइवेट प्रापर्टीज बनाम आंध्र प्रदेश में दिए गए एक फैसले के आधार पर जारी किया गया था। इसी आधार पर तमाम लोगों से क्षति की राशि वसूली भी गई है।

अब त्रिवेंद्र सरकार ने भी इसी तरह का आदेश जारी कर दिया है। गृह सचिव नितेश झा के हस्ताक्षरों से जारी इस आदेश में कहा गया है कि अपनी मांगों को लेकर सियासी दल, सामाजिक व धार्मिक संगठनों के साथ ही नागिरक भी धरना, प्रदर्शन, जूलूस और रैली आदि करते हैं। ये उनका अधिकार भी है। लेकिन कई बार देखने में आया है कि इस दौरान सरकारी और निजी संपत्ति को भी नुकसान पहुंचाया जाता है। इस पर प्रभावी अंकुश की जरूरत है।

अब इस तरह के प्रदर्शन आदि की अनुमति देने से पहले संगठन के मुखिया से एक अंडरटेकिंग सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार ली जाए। प्रदर्शन आदि में शस्त्रों का उपयोग नहीं होगा और प्रशासन पूरे आयोजन की वीडियोग्राफी भी कराएगा। आदेश में साफ कहा गया है कि अगर इस प्रदर्शन आदि के दौरान सरकारी या निजी संपत्ति को कोई नुकसान पहुंचता है तो उसकी भरपाई राजनीतिक संगठन के अध्यक्ष और सामाजिक या धार्मिक संगठन के मुखिया से की जाए।

आदेश में कहा गया है कि क्षति का आंकलन और वसूली करने के लिए एडीएम स्तर का कोई सक्षम प्राधिकारी तय किया जाए। इसका अनुश्रवण करने के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में कमेटी बनाई जाए। अहम बात यह भी है कि इस आदेश में कहा गया है कि अगर कोई क्षति की भरपाई नहीं करता है तो इसकी वसूली भू-राजस्व की भांति की जाए। यहां बता दें कि भू-राजस्व की वसूली के लिए जेल भेजने के साथ ही अच और अचल संपत्ति की कुर्की औऱ नीलामी का भी प्रावधान है।

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