प्रेम से ही भारत-नेपाल का विकास संभवःमहाराज
भारत और नेपाल के बीच सद्भाव से नए आयाम छुएंगे
देहरादून। काबीना मंत्री सतपाल महाराज का कहना है कि नेपाल से रोटी-बेटी के संबंध रहे हैं। दोनों के बीच सद्भाव और प्रेम से ही नए आयाम छुए जाएंगे।
महराज ने कहा कि पुराणों में है कि पांडव गोत्र हत्या के पाप से बचने के लिए केदारनाथ गए। भगवान शंकर ने उन्हें देखकर भैंसे का रूप धर लिया। उन्होंने अपना सिर पहाड़ में धंसा दिया जो नेपाल में प्रकट हुआ। इसे हम पशुपति नाथ के रूप में जानते हैं। दूसरा धड़ वाला हिस्सा केदारनाथ के नाम से भारत में स्थापित है। इसलिए हमें समझना चाहिए कि हम दो देश अवश्य हैं पर आत्मा शिवरूप में एक ही है।
भारत-नेपाल के बीच कई योजनाओं पर कार्य चल रहा है। इसमें 5040 मेगावाट की 31,108 करोड़ की पंचेश्वर परियोजना भी है। इस झील में दुनियां की अनेकों जलक्रीडा़ये भी समापन होंगी। पंचेश्वर बनने से भारत और नेपाल के बेरोजगार नवयुवकों को रोजगार भी मिलेगा। सतपाल का यह भी कहना है कि प्रकृति की जो सम्पदा जल रूप में बह रही है यदि उसको रोककर बिजली बनाई जाएगी तो नेपाल के सूदूर गांवों में जहां सदियों से अंधेरा पसरा है वहां प्रकाश की किरण पहुंचेगी। इसलिए दोनों देशों के बीच सदभाव और आपसी प्रेम जरूरी है। क्योंकि आपसी संवाद के जरिये ही हम विवादों का हल कर सकते हैं।