एक्सक्लुसिव

गेस्ट हाउस के चार कमरे थे ‘वजीर’ का आशियाना

विभाग परेशानः आखिर किससे करे कई लाख की वसूली

शासन को पत्र लिख विभाग ने मांगा है मार्गदर्शन

आवंटन के पत्र में नहीं है किराए का कोई भी जिक्र

एनेक्सी में प्राइवेसी का भी किया था पूरा इंतजाम

देहरादून। निजाम बदलने के साथ ही ये सामने आ रहा है कि पिछले दौर में किस तरह की मनमानी चल रही थीं। ताजा मामला पूर्व सीएम के एक पूर्व सलाहकार का है। पूर्व राजा के इस वजीर ने कैंट रोड स्थित एनेक्सी के चार कमरों को अपना आशियना बना रखा था। अब राज्य संपत्ति विभाग इस बात को लेकर चिंतित है कि लाखों की बकाया रकम आखिरकार देगा कौन। सूत्रों की मानें तो विभाग ने शासन को एक पत्र लिखकर पूछा कि क्या बकाया लेना है या नहीं।

जी हां, मामला पूर्व सीएम त्रिवेंद्र के सलाहकार नरेंद्र सिंह का है। तैनाती के बाद इन्हें शासन ने एनेक्सी में कक्ष आवंटित किया। इन वजीर महोदय ने वहां एक कक्ष के चार कमरों को अपना आशियाना बना लिया। बताया तो यहां तक जा रहा है कि अपने आशियाने तक जाने के लिए एक अलग से रास्ता भी बनवाया गया। ताकि प्राइवेसी (निजता) पर कोई आंच न आए।

अब राजा के साथ ही वजीर भी पैदल हो चुके हैं। ऐसे में राज्य संपत्ति विभाग अपने पैसों को लेकर चिंतित है। बताया जा रहा है कि रहने औऱ खाने का मिलाकर बिल कई लाख का है। यह पैसा कौन देगा ये साफ नहीं है। सूत्रों का कहना है कि सलाहकार की तैनाती के बाद शासन स्तर से उन्हें कक्ष आवंटन का आदेश किया गया था। इसमें इस बात का कोई जिक्र नहीं था कि कितने कक्ष दिए जाने हैं और रहने और खाने का बिल कौन देगा। अब विभाग ने शासन को एक खत भेजा है और इस बारे में मार्गदर्शन चाहा है कि क्या इनसे पैसा लेना है। अगर लेना है तो किस दर पर। अहम बात यह भी है कि वजीर ने जो चार कमरे अपने कब्जे में लिए थे, वहां तक जाने का एक अलग रास्ता भी बनवाया था। ताकि उनकी प्राइवेसी में कोई खलल न हो। इस बारे में राज्य संपत्ति विभाग के अफसरों ने कोई टिप्पणी करने से इंकार किया तो सलाहकार नरेंद्र से कोशिश के बाद भी बात न हो सकी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button