अपर सचिव स्वास्थ्य ने सभी जिलाधिकारियों और सीएमओ को लिखे पत्र में दी सलाह
भारत सरकार की गाइड लाइन में डिस्इन्फेक्शन एक्टीविटिज के लिए यह उपाय नहीं है
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, सैनेटाइजेशन का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं
न्यूज वैट ब्यूरो
देहरादून। उत्तराखंड के अपर सचिव स्वास्थ्य युगल किशोर पंत ने विश्व स्वास्थ्य संगठन की गाइड लाइन का हवाला देते हुए सभी जिलाधिकारियों व मुख्य चिकित्साधिकारियों को कोविड-19 के संक्रमण से निपटने के लिए डिस्इन्फेक्शन टनल नहीं लगाने की सलाह दी है।
साथ ही, उन्होंने पत्र में कहा है कि क्लोरीन, एल्कोहल तथा लायजॉल जैसे हानिकारक पदार्थों के छिड़काव के हानिकारक प्रभाव के अंतर्गत इनका भी प्रयोग न किया जाए।
अपर सचिव ने पत्र में कहा है कि कोविड-19 संक्रमण के दौरान कुछ सार्वजनिक स्थान, सब्जी मंडी में डिस्इन्फेक्शन टनल, क्लोरीन, एल्कोहल तथा लायजॉल के छिड़काव की गतिविधियां होने की जानकारी मिल रही है। इस तरह के उपाय अन्य राज्यों में भी होने की जानकारी मीडिया में प्रकाशित हो रही है।
इस संबंध में विश्व स्वास्थ्य संगठन की एडवायजरी के अनुसार, कोविड-19 के संक्रमण पर नियंत्रण के लिए इस प्रकार की गतिविधियों को कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है। डिस्इन्फेक्शन एक्टीविटिज के लिए इस तरह के उपाय भारत सरकार की गाइड लाइन में नहीं है। अपर सचिव वाईके पंत ने कहा कि सेनेटाइजर के नाम पर लगी मशीनों ने छिड़काव मानव शरीर के लिए हानिकारक है। अलबत्ता सार्वजनिक जगहों पर छिड़काव कराया जा सकता है।