एक्सक्लुसिव

कुंभः तिमंजिले अस्पताल में लगेगी ‘चेन लिफ्ट’

तो नादान था आर्किटेक्ट और मौन रहे जिम्मेदार अफसर

हाईकोर्ट ने लगाई थी फटकार, कैसे जाएंगे मरीज

सीएस ने निरीक्षण के बाद बनाई है ये व्यवस्था

देहरादून। सूबे की अफसरशाही कैसे काम रही है,इसकी ताजा बानगी हरिद्वार में बना साढ़े पांच सौ बेड की क्षमता वाला अस्पताल है। इस तिमंजिले अस्पताल में मरीजों को ऊपरी मंजिलों तक लाने और ले जाने के लिए न तो लिफ्ट है और न ही रैंप। नैनीताल हाईकोर्ट ने इस गंभीर खामी को पकड़ा। अब मुख्य सचिव ने इस अस्पताल में चेन लिफ्ट लगवाने का निर्देश दिया है।

हरिद्वार कुंभ को लेकर पिछले कई सालों से काम चल रहा है। अगर कोरोना संकट न होता तो कुंभ जनवरी में ही शुरू हो गया होता। लेकिन कुंभ के निर्माण कार्य है कि खत्म होने का नाम ही न ले रहे हैं। इस मामले में हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की गई तो हाईकोर्ट ने इसे गंभीरता से लिया। निर्माण कार्यों की असलियत जांचने को एक कमेटी बना दी गई। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में तमाम खामियों का खुलासा किया। इनमें एक अहम मामला यह रहा कि हरिद्वार में 550 बेड का एक अस्पताल बनाया गया है। करोड़ों की लागत बनने वाला ये अस्पताल बेड क्षमता के लिहाज से सूबे के सबसे बड़ा है।

हाईकोर्ट ने पाया कि सूबे के यह सबसे बड़ा अस्पताल तिमंजिला है। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में हाईकोर्ट को बताया कि इस अस्पताल में न तो लिफ्ट है और न ही रैंप। ऐसे में किसी गंभीर मरीज को दूसरी और तीसरी मंजिल पर कैसे ले जाया जा सकेगा। अहम बात यह भी है कि जिम्मेदार अफसरों ने आर्कीटेक्ट के स्तर पर हुई खामी पर कोई ध्यान ही नहीं दिया। सवाल यह भी है कि क्या तीन मंजिला बिल्डिंग बनाने वाली एजेंसी भी इतनी नादान थी कि उसने ये सोचा ही नहीं कि बीमार दूसरी और तीसरी मंजिल तक कैसे जाएंगे। इस अस्पताल का आए दिन निरीक्षण करके सोशल मीडिया पर वीडियो डालने जिम्मेदार अफसर भी मौन साधे रहे।

हाईकोर्ट के आदेश पर हरिद्वार कुंभ के कामों का निरीक्षण करके लौटे सूबे की अफसरशाही के मुखिया ओमप्रकाश ने इस मुद्दे पर कहा कि अस्पताल में चेन लिफ्ट लगवाने का निर्देश दिया गया है। इस चेन लिफ्ट से एक मरीज को लाने और ले जाने का इंतजाम हो जाएगा। अब सवाल यह है कि सूबे के सबसे बड़े अस्पताल के निर्माण में इस गंभीर खामी की जिम्मेदारी किसकी है। सरकारी खजाने से इस पर करोड़ों रुपये खर्च किए गए हैं तो क्या ये चेन लिफ्ट मखमल पर टाट का पैबंद साबित नहीं होगी।

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