‘भ्रष्टाचार’ की आशंका पर धामी की ‘नकेल’ !

अब बच्चों के खातों में जाएगी टैबलेट-लैपटॉप की राशि
करोड़ों की खरीद खुद करना चाहते थे अफसर
विपक्ष ने खरीद की नीयत पर उठाए थे सवाल
अब पाक-साफ रहेगी सरकार की यह योजना
देहरादून। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने साफ कर दिया है कि अगर सरकार की नीयत सही हो तो भ्रष्टाचार को किस तरह से खत्म किया जा सकता है। सीएम ने मेधावी बच्चों को दिए जाने वाले लैपटॉप और टैबलेट खुद खरीदने की अफसरों की मंशा पर पानी फेर दिया है। अब यह राशि डीबीटी के माध्यम से सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में जाएगी। अहम बात यह भी है कि विपक्ष ने करोड़ों की इस खरीद की कोशिश पर सवाल भी उठाए थे।
धामी सरकार ने तय किया है कि मेधावी छात्र और छात्राओं को लैपटॉप और टैबलेट वितरित किए जाएं। सरकार की इस घोषणा के बाद शिक्षा विभाग के अफसर सक्रिय हो गए। तय किया गया कि इनकी बल्क में खरीद की जाए। इसके लिए एक कमेटी का भी गठन कर दिया गया। बताया जा रहा है कि पूर्व सचिव ने इस खरीद पर सवाल उठाए। लेकिन विभाग से उनके जाने के बाद फिर से चुनिंदा अफसरों की सक्रियता बल्क में खरीद के लिए बढ़ गई। बताया जा रहा है कि मामला टेंडर तक पहुंच गया।
इसी बीच सोशल मीडिया में करोड़ों की इस खरीद में गड़बड़ी की आशंका जताई जाने लगी। विस सत्र में विपक्ष दल कांग्रेस की ओर से अफसरों की कार्यशैली पर तमाम सवालिया निशान लगाए गए। इससे करोड़ों की यह खरीद चर्चा में आ गई। बताया जा रहा है कि इस मामले का सीएम पुष्कर सिंह धामी ने संजीदगी से संज्ञान लिया। सीएम धामी ने तय किया कि लैपटॉप और टैबलेट की खरीद शिक्षा विभाग नहीं करेगा। धामी ने एक ट्वीट किया और लिखा कि सरकार ने तय किया है कि सभी लाभार्थी छात्र और छात्राओं के बैंक खातों में डीबीटी के माध्यम से राशि ट्रांसफर की जाएगी।
सीएम धामी के इस फैसले से शिक्षा विभाग के कुछ चुनिंदा अफसरों की कार्य़शैली पर पूरी तरह से नकेल कस गई है। अब तो विपक्ष के पास इस मामले में कुछ कहने का मौका बचा है और न किसी के पास भ्रष्टाचार में कदम आगे बढ़ाने का अवसर। अब बच्चे अपनी पसंद से इन उपकरणों की खरीद कर सकेंगे। साथ ही सरकार की मंशा भी पूरी होगी।