पीसीएस संघ ने सरकार को सिखाया ‘राजधर्म’
खत में लिखा, प्रजा के सुख में निहित होता है राजा का हित
अफसरों की तमाम दिक्कतों का भी किया खुलासा
जूनियर अफसरों को दी जा रही अहम पदों पर नैताती
2013 से रिक्त पड़े हैं आईएएस कैडर के बीस पद
पदोन्नति न होने से गिर रहा अफसरों का मनोबल
देहरादून। लंबे समय बाद सक्रिय दिख रही पीसीएस एसोसिएशन ने अब सरकार को तेवर दिखाना शुरू कर दिया है। एसोसिएशन अध्यक्ष ललित रयाल ने सरकार को एक खत लिखकर अफसरों की तमाम समस्याओं को समाधान का आग्रह किया है तो सरकार को यह भी समझाने की कोशिश की है कि राजधर्म क्या होता। संघ का कहना है कि प्रजा के सुख में ही राजा का सुख निहित होता है।
पिछले दिनों पीसीएस एसोसिएशन की नई कार्यकारिणी का गठन किया गया है। अब यह एसोसिएशन सक्रिय होती दिख रही है। इसके अध्यक्ष ललित मोहन रयान से अपर मुख्य सचिव कार्मिक को एक खत लिखा है। इसमें कहा गया है कि पीसीएस अफसरों की पदोन्नति के पद लंबे समय से रिक्त पड़े हैं। प्रोन्नत वेतनमान भी नहीं दिया जा रहा है। आईएएस कैडर में प्रोन्नत से भरे जाने वाले 20 पद 2013 से कुछ न कुछ बहाना बनाकर भरे नहीं जा रहे हैं। इन हालात में अफसरों का मनोबल गिर रहा है। जो अफसर अपना सर्वश्रेष्ठ दे सकता है, वह नहीं दे पा रहा है।
अध्यक्ष ने लिखा है यह भी देखने में आ रहा है कि तैनाती में पिक एंड चूज पद्धति से काम किया जा रहा है। जूनियर अफसरों को प्राधिकरणों, निगमों, नगर निगमों, मंडी और नगर आयुक्त बनाया जा रहा है तो वरिष्ठ अफसरों को परगनों में बैठाया जा रहा है। इतना ही नहीं कुछ अहम विभागों से पीसीएस अफसरों को बाहर किया जा रहा है। पीसीएस सेवा संवर्ग के पदों पर दूसरे कैडर के अफसरों को तैनात किया जा रहा है। संघ ने मांग की है कि इन समस्याओं को तत्काल समाधान किया जाए। संघ ने पीसीएस अफसरों को कार्मिक, गृह, वित्त, सीएम और राज्यपाल सचिवालय के साथ ही विस सचिवालय में तैनात करने, नए अफसरों के लिए सचिवालय में उप सचिव और संयुक्त सचिव पद आरक्षित करने की भी मांग की है।
संघ अध्यक्ष रयाल ने अपना खत संस्कृत भाषा के एक श्लोक के साथ खत्म किया है। खत में इस श्लोक का अर्थ भी लिखा गया है। इसमें कहा गया है कि प्रजा के सुख में ही राजा का हित निहित होता है। प्रजा का हित ही राज्य का हित होता है। निजी तौर पर राजा को जो अच्छा लगे लो राज्य हित नहीं होता है। जो राज्य हित में हो, उसी को राजा को अपना हित समझना चाहिए। इस पत्र की प्रति मुख्यमंत्री के सचिव को भी भेजी गई है।