ब्यूरोक्रेसी

सीएम, मंत्री, सांसद नहीं कर पाए गोद लिए बच्चों का पोषण

अब डॉक्टर औऱ शिक्षक बनेंगे पोषण दूत

छह माह में पोषित करने का लक्ष्य

काश, शर्म आए जनप्रतिनिधियों को

देहरादून। पीएम नरेंद्र मोदी ने कुपोषित बच्चों की मदद के लिए एक अभियान शुरु किया था। इसमें कहा गया गया था कि मुख्यमंत्री, मंत्री और सांसद ऐसे बच्चों को गोद लेंगे। पीएम का आह्वन था लिहाजा सभी ने एक-एक बच्चे को गोद लिया और मीडिया में फोटो छपवा लीं। इसके बाद किसी ने भी सुध न ली कि बच्चे को पोषित भोजन मिल भी रहा है या नहीं। अब देहरादून की सीडीओ झरना ने कहा कि कुपोषित और अतिकुपोषित बच्चों की मदद के लिए डॉक्टरों और शिक्षकों को स्वेच्छा से पोषण दूत बनाया जाए। यानि नेता सो गए तो जिम्मेदार इन पर डाल दी गई।

पोषण माह के तहत मुख्य विकास अधिकारी झरना कमठान (आईएएस) ने अंतर विभागीय बैठक में चिन्हित कुपोषित और अतिकुपोषित बच्चों को स्वेच्छा से स्वास्थ्य विभाग और शिक्षा विभाग के साथ समन्वय कर, पोषण दूतों के माध्यम से आगामी 6 माह में सामान्य श्रेणी में लाने को उन्होंने कहा कि ‘‘पोषण दूत‘‘ बनकर इस नवीन पहल से जुड़कर एक बच्चे को कुपोषण मुक्त करने के इस अभियान को सफल करें।

 अभियान से जुड़ने वाले प्रत्येक कार्मिक को किसी भी दबाव के तहत इस अभियान में अपनी भागीदारी न निभाते हुये, स्वेच्छा से जुड़ने की अपील की गई है। तभी जाकर हम एक एक बच्चे को कुपोषण मुक्त कर सकते है।  इस अभियान के तहत अतिकुपोषित बच्चों को  बाल रोग विशेषज्ञ व  डाक्टर एवं कुपोषित बच्चों को प्राइमरी स्कूल के अध्यापकों द्वारा सामान्य श्रेणी में लाने हेतु प्रयास किये जाएगें, जिसकी समय-समय पर  मानीटरिंग बाल विकास विभाग द्वारा की जायेगी।  कुपोषित और अतिकुपोषित बच्चों को सामान्य श्रेणी में लाने वाले पोषण दूतों को ब्लाक, जिले एवं राज्य स्तर पर सम्मानित किया जायेगा। 

बाल विकास विभाग द्वारा चिन्हित कुपोषित एवं अतिकुपोषित बच्चों की सूची शिक्षा विभाग और स्वास्थ्य विभाग को भेज दी गई है।  साथ ही पोषण माह में  बाल विकास विभाग  को प्रतिदिन कार्यक्रम आयोजित करने हेतु निर्देशित किया गया. जिसके लिए विभाग द्वारा साप्ताहिक कार्यक्रम तैयार कर महोदय के सम्मुख प्रस्तुत किए।

बैठक में उप चिकित्साधिकारी डा यूएहान,   जिला कार्यक्रम अधिकारी डा अखिलेश कुमार मिश्र, जिला कार्यक्रम अधिकारी (माध्यमिक) राजेन्द्र रावत, जिला प्रोबेशन अधिकारी श्रीमती मीना बिष्ट व  समस्त परियोजनाओं के बाल विकास परियोजना अधिकारी उपस्थित रहे।

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