ब्यूरोक्रेसी

और अरबों की संपत्ति पकड़ने के बाद विजिलेंस हो गई सुस्त

तो ससम्मान रिटायर होंगे आईएएएस रामविलास !

समाज कल्याण विभाग को किसी से छुआ भी नहीं

नए विभागीय मंत्री ने भी नहीं ली इसमें कोई रुचि

देहरादून। विजिलेंस ने अपने छापों में आईएएस अफसर रामविलास यादव की अरबों की संपत्ति की खुलासा किया। लेकिन उसके बाद से ही विजिलेंस सुस्त हो गई। अगर उत्तराखंड समाज कल्याण विभाग को भी जांच के दायरे में लेती तो और भी कारनामे सामने आते। अब यह तय सा हो गया है कि रामविलास 30 जून को ससम्मान रिटायर हो जाएंगे।

उत्तराखंड कैडर आवंटित होने के बाद ही कैट और हाईकोर्ट के सहारे यूपी में ही जमे रहे यादव इस राज्य में उस समय आए जबकि यूपी में योगी की सत्ता आई और उनका आईएएस बनने का वक्त नजदीक था। यहां आकर वे आईएएस बन गए और सियासी सांठगांठ से समाज कल्याण विभाग के अपर सचिव बन गए। इस दौरान उन्होंने अपने सियासी आका की मदद से जमकर खेल किया।

इस बीच योगी सरकार ने यूपी में रहते इनके कारनामों का पुलिंदा उत्तराखंड सरकार को भेजा। पर इनके सियासी आका ने कुछ भी होने न दिया। बाद में यूपी सरकार ने खुद मुकदमा दर्ज किया और उत्तराखंड को जांच के लिए भेजा। इस मजबूरी के बाद उत्तराखंड सरकार ने इनके खिलाफ विजिलेंस जांच की अनुमति दी। विजिलेंस ने भी तेजी दिखाई और यादव के यूपी और उत्तराखंड में कई ठिकानों पर छापामारी करके अरबों की संपत्ति का खुलासा कर दिया। लेकिन इसके बाद से विजिलेंस ने भी मौन साध लिया।

अहम बात यह भी है कि यादव 30 जून को रिटायर हो रहे हैं। अगर विजिलेंस कोई एक्शन नहीं लेती है तो वे उत्तराखंड सरकार की सेवा से ससम्मान रिटायर हो जाएंगे। लाखों की रकम मिलेगी और पेंशन भी मिलना शुरु हो जाएगी। यहां बता दें कि उत्तराखंड सरकार के एक आईएएस अफसर ने किसी एक्शन ने बचने के लिए वीआरएस ले लिया था। उन पर भी तमाम गंभीर आरोप थे। उत्तराखंड सरकार उनका कुछ भी न कर सकी। इसी तरह से अब विजिलेंस की सुस्ती से अरबों के मालिक रामविलास यादव को भी सेफ पैसेज देने की तैयारी है।

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