अवसाद में हूं, गलतियों की सजा मिलीःहरदा
कांग्रेसी दिग्गज से सोशल मीडिया में लिखा मार्मिक खत
देहरादून। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत सोशल मीडिया पर जो भी कुछ संवाद करते हैं, उसकी ध्वनि दूर तक जाती है। उत्तराखंड कांग्रेस से ज्यादा उनके फालोअर्स हैं। चुनाव के दौर में हरदा अपने मन की बात करते हैं और मार्मिक चिट्ठियां लिखकर जनता की सहानुभूति लेते हैं। उऩका ऐसा ही एक और पत्र सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है।
हरदा अपने खत में लिखते हैं “2021 अपनी कई कष्टपूर्ण यादों को समेटे हुए विदा हो रहा है। मेरे लिए नये वर्ष का उदय एक हर वर्ष होने वाले वर्ष परिवर्तन से कुछ भिन्न अर्थ रखता है। सारे उत्तराखंड के लिए भी एक भिन्न महत्व रखता है, क्योंकि वर्ष 2022 में उत्तराखंड में विधानसभा के चुनाव होने हैं, एक नई विधानसभा अस्तित्व में आएगी, बहुमत वाला राजनैतिक दल सरकार का गठन करेगा।
मेरे लिए वर्ष 2022 में अपने राजनीतिक जीवन के साथ जुड़े हुए एक अवसादपूर्ण अध्याय को धोने का अवसर है। वह अवसादपूर्ण अध्याय है मुख्यमंत्री रहते – रहते विधानसभा सीटों से हारने का। वह अवसाद पूर्ण अध्याय है मेरे मुख्यमंत्री काल के दौरान पार्टी को विधानसभा में न्यूनतम संख्या 11 पर सिमटना। मुझे इस अवसादपूर्ण स्थिति को उल्लास में बदलना है”।
रावत लिखते हैं कि “पराजय में आप, मान-सम्मान गंवाने के साथ-साथ, कभी-कभी दोस्तों को भी गंवाते हैं, बहुत सारे लोग जिनका मेरे राजनीतिक जीवन की यात्रा में बड़ा योगदान रहा, उनका सहयोग मेरी राजनीति में सहायक रहा। आज मेरे साथ पहले की तरह मित्रवत भाव में खड़े नहीं हैं। राजनीति में ऐसा संभव है। लोग आगे बढ़ने के लिए हमेशा आपके साथ चलें, यह संभव ही नहीं है, मार्ग बदलते हैं, साथी भी नए ढूंढे जाते हैं। लगता है, मैंने 2014 व 2015-16 में कुछ ऐसी गलतियां की हैं, जिनका मुझे जनता ने भी दंड दिया और अब मेरे कुछ साथी भी मुझे अकल्पनीय स्थिति तक दंड देने को तैयार हैं। मैं नये वर्ष के आगमन के साथ राज्य की जनता-जनार्दन और अपने सभी सहयोगियों से भी प्रार्थना करना चाहूंगा कि जरा स्थितियों पर विचार करें, मेरे ऊपर आप गुस्सा हुए, मगर पिछले 5 वर्षों में राज्य को एक अक्षम सरकार मिली। उत्तराखंडियत की ओर बढ़ते हुए कदम रुक गए, लोगों के जीवन में आता हुआ बदलाव या तो ठहर गया या उसमें गिरावट आ गई, लोगों के कष्ट दूर होने के बजाय बढ़ गए।
पूर्व सीएम लिखते हैं कि “पांच साल राज्य को ऐसी सरकार मिली जो उत्तराखंड और उत्तराखंड के स्वाभिमान की रक्षा करने में अक्षम सिद्ध हुई है। हमारे साथियों को विचार करना चाहिए, हमारे सामने अवसर है कि हम एक व्यक्ति का दंड या एक व्यक्ति से कुछ गलतियां हुई हों, उनका दंड पार्टी को न दें। मन में गहरा चिंतन करें कि क्या हम साथ चलते हुए पार्टी की स्थिति में बड़ा परिवर्तन ला सकते हैं! मैंने भी अपने मन में बहुत मंथन किया, मैंने पाया है कि मेरे लिए यह वर्ष 2022 में सबसे बड़ा उपहार हो सकता है। कांग्रेस की सत्ता में पुनः वापसी, केवल इसलिए नहीं कि कांग्रेस सत्ता में आएगी, बल्कि इसके साथ वह अध्याय भी बंद हो जाएगा, जिस पर मेरे माथे पर मुख्यमंत्री रहते दो हारों का कलंक या पार्टी विधानसभा में न्यूनतम संख्या का दंश छिपा हुआ है।
वो कहते हैं, मैं हर हालत में स्थिति को बदलना चाहता हूं, इसीलिए मैं प्रतिदिन अपनी सुबह को एक बाल सुलभ उत्साह के साथ शुरू करता हूं, मेरा वादा है कि हम सत्ता में वापसी के साथ उत्तराखंड को फिर से उसी गौरवपूर्ण संभावनाओं की ओर लेकर चलेंगे, जिस ओर चलते हुए हम उत्तराखंडियत के झंडे को बड़ी बुलंदियों तक लहरा सकते हैं।
तो यह थी पूर्व सीएम हरीश रावत की चिट्ठी, जिसमें स्वयं से गलतियां होने की बात स्वीकार कीं। दो सीटों से हार से अवसाद का भी जिक्र किया है। रावत ने इस चिट्ठी को ठीक चुनाव के वक्त लिखा और इसको 2022 के चुनाव से जोड़ा भी है। वो जनता की सहानुभूति लेने के लिए पहले भी इस तरह संवाद करते रहे हैं। अब देखना यह है कि उनकी मार्मिक चिट्ठियां और ट्वीट चुनाव में कितना प्रभाव दिखाएंगे।
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