उत्तराखंड भाजपाः प्रभारी-चुनाव प्रभारी दरकिनार

चुनाव रथों से गायब कर दी गईं इन नेताओं की तसवीरें
मोदी और नड्डा पर ही जता रहे हैं भरोसा
पुष्कर धामी व कौशिक छाए प्रचार रथों पर
काशीपुर। उत्तराखंड भाजपा को बल देने के लिए हाईकमान भले ही नए चेहरों को तव्वजो दे रहा हो पर उत्तराखंड भाजपा को उन चेहरों पर भरोसा नहीं है। शायद यही वजह है कि भाजपा के चुनाव रथों के प्रदेश प्रभारी और चुनाव प्रभारी के चेहरे गायब कर दिए गए हैं।
भाजपा के चुनाव प्रचार रथों को यहां से रवाना किया गया। लोग उस वक्त चौंक गए जब देखा कि उन रथों पर न तो प्रदेश प्रभारी का फोटो है और न ही प्रदेश सहप्रभारी का। इतना ही नहीं, भाजपा के चुनाव प्रदेश प्रभारी और न ही सह प्रभारी का फोटो है। यह अलग बात है कि चुनाव रथ पर सीएम पुष्कर सिंह धामी और प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक की फोटो है। मदन कौशिक तो पहाड़ी टोपी लगाकर ये दिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि वही असली पहाड़ी हैं। इन रथों पर पीएम मोदी की फोटो है और साथ ही जेपी नड्डा भी दिखाई दे रहे हैं।
अहम बात यह भी है कि एक तरफ भाजपा हाईकमान उत्तराखंड फतह के लिए सामाजिक और जातीय समीकरण साधने के लिए सिख और अन्य लोगों को तरजीह दे रहा है। राज्यपाल भी सिख समाज से दिया गया है। लेकिन उत्तराखंड भाजपा के नेता अपनी एक अलग ही राग अलाप रहे हैं। सवाल यह भी है कि आखिरकार उत्तराखंड भाजपा क्या केवल अपनी दम पर ही चुनावी समर को जीतने की तैयारी में है। अगर ऐसा है तो हाईकमान को तमाम समीकरण साधने के लिए विभिन्न वर्गों के लोगों को प्रदेश प्रभारी, सह प्रभारी, प्रदेश चुनाव प्रभारी और प्रदेश सह चुनाव प्रभारी बनाने की जरूरत ही क्या है।
बहरहाल, चुनावी रथ तो देखकर तो ऐसा ही लग रहा है कि उत्तराखंड भाजपा को मिशन-2022 के लिए केवल मोदी और नड्डा की ही जरूरत है। अगर ऐसा है तो तमाम प्रभारियों और सह प्रभारियों की क्या जरूरत है।