सरकार में चल रही फेंकू प्रतियोगिताः हरदा
घोषणाओं और विकास के दावों को बताया महज एक जुमला
सूबे की ब्यूरोक्रेसी के मुखिया को भी नहीं बख्शा
देहरादून। किसी न किसी मुद्दे को लेकर सुर्खियों में रहने वाले कांग्रेसी दिग्गज और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने इस बार राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला है। उनका कहना है कि इस समय राज्य सरकार में “सबसे बड़ा फेंकू कौन” प्रतियोगिता चल रही है। हरदा का कहना है कि इस प्रतियोगिता में मुख्य सचिव भी शामिल हो गए हैं।
कांग्रेसी नेता हरीश रावत ने फेसबुक पर एक पोस्ट डाली है। इसमें उन्होंने लिखा है कि राज्य सरकार में सबसे बड़ा फैंकू कौन प्रतियोगिता चल रही है। पहला जुमला उछला, कैंपा में 40 हजार नौकरियां देने का। कौन समझाए कि कैंपा में नौकरियां नहीं दी जाती हैं और न कोई ऐसी पोस्ट अभी तक एडवर्टाइज हुई है। फिर जुमला उछला सात लाख नौकरियां देने का। ये जुमला विधानसभा में भी उछला। मुख्यमंत्री जी ने भी उछाला और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष जी ने उछाला। अब बड़ी दूर उछाल दिया। पहले 40 हजार नौकरियां देने वाले से बड़े फैंकू सिद्ध हुए। फिर मुख्यमंत्री जी ने एक और जुमला फैंका। गैरसैंण में 25 हजार करोड़ रुपये का निवेश करने का वहां के विकास के लिये। और अब कौन सबसे बड़ा फैंकू में श्री ओम प्रकाश जी भी सम्मिलित हो गए हैं। मैं एक बात स्पष्ट कर दूं किसी पूर्व मुख्यमंत्री को अपने साथ कार्य कर चुके अधिकारियों पर टिप्पणी करने से बचना चाहिये। मैं भी बचना चाहता था। फिर ओम प्रकाश जी एक बहुत ही कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी हैं। मैं उनकी स्वयं शीलता का प्रशंसक हूं। मगर उन्होंने कह दिया कि हम गैरसैंण के लिये 50 साल का मास्टर प्लान बना रहे हैं और उस मास्टर प्लान के कंपोनेंट बताये कि 50 बैड का हॉस्पिटल, एक वाटिका, कुछ बिजली का काम और कुछ पानी का काम, कुछ सड़कें हो सकती हैं और एक कमेटी गठित कर दी। ओम प्रकाश जी, इस मास्टर प्लान का जब बिस्मिल्लाह ही ऐसा है कि उसमें 50 बैड का हॉस्पिटल बनेगा तो फिर उसका आगाज क्या होगा! यह समझा जा सकता है। खैर मैं मुख्य सचिव की बेबसी समझता हूं। #सरकार के लिए बिना पिच के उनको बैटिंग करनी पड़ रही है, न पिच है, न बॉल है, न विकेट हैं, मगर उनको बैटिंग करनी पड़ रही है।
अब देखने वाली बात होगी कि भाजपा संगठन या फिर सरकार की ओर से हरीश रावत को किस अंदाज में सियासी जवाब दिया जाता है।