हरदा का सियायी विरोधियों को कड़ा जवाब
2024 में केंद्र में कांग्रेसी सरकार के बाद सन्यास पर विचार
दिया संदेश, नहीं खत्म होगी उत्तराखंड में सक्रियता
2022 के विस चुनाव में फिर करेंगे सियासी जंग
देहरादून। अपनी पार्टी के हमले झेल रहे पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव ने विरोधियों को अपने अंदाज में कड़ा जवाब दिया है। हरदा ने 2024 में केंद्र में राहुल के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार और फिर राहुल गांधी के पीएम बनने के बाद सियासत से सन्यास पर विचार की बात की है। ऐसा कहकर हरदा ने विरोधियों को साफ संदेश दे दिया है कि उत्तराखंड में 2022 में होने वाले विस चुनाव में उनकी सक्रियता खत्म होने वाली नहीं है।
हरदा ने फेसबुक पर अपनी पोस्ट में लिखा है कि ‘महाभारत के युद्ध में अर्जुन को जब घाव लगते थे, वो बहुत रोमांचित होते थे। राजनैतिक जीवन के प्रारंभ से ही मुझे घाव दर घाव लगे, कई-कई हारें झेली, मगर मैंने राजनीति में न निष्ठा बदली और न रण छोड़ा। मैं आभारी हूं, उन बच्चों का जिनके माध्यम से मेरी चुनावी हारें गिनाई जा रही हैं। कुछ पुराने चकल्लसबाज़ हैं जो कभी चुनाव ही नहीं लड़े हैं और जिनके वार्ड से कभी कांग्रेस जीती ही नहीं, वो मुझे यह स्मरण करा रहे हैं कि मेरे नेतृत्व में कांग्रेस 70 की विधानसभा में 11 पर क्यों आ गई। उत्तराखंड बनने के बाद सन 2002 से लेकर 2019 तक हर चुनावी युद्ध में मैं नायक की भूमिका में रहा हूं। 2012 में भी मुझे पार्टी ने हैलीकॉप्टर देकर 62 सीटों पर चुनाव अभियान में प्रमुख दायित्व सौंपा। त्रिवेंद्र सरकार के एक काबिल मंत्री जी ने जिन्हें मैं उनके राजनैतिक आका के दुराग्रह के कारण अपना साथी नहीं बना सका, उनकी सीख मुझे अच्छी लग रही है। मैं संन्यास लूंगा, अवश्य लूंगा मगर 2024 में देश में राहुल गांधी के नेतृत्व में संवैधानिक लोकतंत्रवादी शक्तियों की विजय और श्री राहुल_गांधी जी के प्रधानमंत्री बनने के बाद ही यह संभव हो पायेगा। तब तक मेरे शुभचिंतक मेरे संन्यास के लिए प्रतीक्षारत रहें’।
दरअसल, हरदा की यह पोस्ट उनके उन सियासी विरोधियों के लिए संदेश हैं जो उऩकी सक्रियता पर सवाल उठा रहे हैं और कुछ खास ने तो उन्हें 2022 के चुनाव से पहले ही सन्यास लेने की नसीहत दे डाली। इसके बाद हरदा ने अपनी पोस्ट से साफ संदेश दे दिया है कि वे अभी सन्यास नहीं लेने वाले और 2022 के विस चुनाव में पूरी तरह से सक्रिय रहेंगे।