बाहरी और दलबदलू को जनता ने नकारा
मंगलौर और बदरीनाथ सीट पर कांग्रेस प्रत्याशियों को मिली जीत
देहरादून। उत्तराखंड में दो सीटों पर हुए विस के उप चुनाव में जनता ने दलबदलू और बाहरी प्रत्याशियों को नकार दिया है। ये दोनों ही भाजपा के टिकट पर मैदान में थे। इस उप चुनाव में कांग्रेस ने दोनों सीटों पर कब्जा जमा लिया है।
लोकसभा चुनाव में सूबे की सभी पांच सीटों पर जीत का परचम फहराने के बाद भाजपा खासी उत्साह में थी। यही वजह रही कि भाजपा ने हरिद्वार जिले की मंगलौर सीट पर दूसरे प्रदेश के रहने वाले अवतार सिंह भड़ाना को को अप्रत्याशित तौर पर अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया। भड़ाना ने इस चुनाव में अपने धनबल और बाहुबल का जमकर प्रदर्शन किया। उत्तराखंड के चुनावी इतिहास में पहली बार मंगलौर के लोगों से फायरिंग का आतंक का देखा और सुना। आठवें राउंड तक भड़ाना काफी पीछे चल रहे थे। लेकिन बाद भड़ाना बसपा को पछाड़ कर पूरी तरह से मुकाबले में आ गए। लेकिन अंतिम राउंड में उन्हें पांच सौ से भी कम वोटो से हार का सामना करना पड़ा। इस सीट से कांग्रेस के काजी निजामुद्दीन से जीत हासिल की। स्व. विधायक के पुत्र बसपा के टिकट पर लड़कर दूसरे स्थान पर रहे। कांग्रेस ने यह सीट बसपा से छीनी है।
इसी तरह से बदरीनाथ सीट से भाजपा ने पूर्व विधायक राजेंद्र सिंह भंडारी को टिकट दिया था। 2022 के आम चुनाव में भंडारी इसी सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुने गए थे। लेकिन लोकसभा चुनाव के दौरान भंडारी से अचानक ही कांग्रेस छोड़ दी और भाजपा का दामन थाम लिया था। इस सीट से चुनाव लड़ने वाले भाजपा अध्यक्ष महेंद्र भट्ट राज्यसभा जा चुके हैं। ऐसे में भाजपा ने भंडारी पर ही दांव खेला था। लेकिन जनता को भंडारी का यह दलबदल पसंद नहीं आया और उन्हें सबक सिखा दिया। कांग्रेस से इस सीट ने अपेक्षाकृत नए चेहरे लखपत बुटोला पर दांव खेला था। इस विस क्षेत्र की जनता ने कांग्रेस पर भरोसा किया और बुटोला के सर पर जीत का सेहरा बांध दिया।