एक्सक्लुसिव
कोरोना संकटः सिस्टम में दिख रहीं खामियां
अब तक 50 करोड़ रुपये जारी कर चुकी है उत्तराखंड सरकार
सीएमओ के स्तर से खर्च होनी है राशि
जमीन पर नहीं उतर पा रही हैं तैयारियां
खरीद के लिए अब टेंडर करने की बात
न्यूज वेट ब्यूरो
देहरादून। कोरोना संकट से निपटने के लिए सरकारी सिस्टम की तैयारियां जमीन पर नहीं उतर पा रही हैं। ये हालात उस वक्त है, जबकि राज्य सरकार अब तक 50 करोड़ रुपये जिलों को जारी कर चुकी है। ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि क्या अफसरों में आपसी समन्वय नहीं बन पा रहा या फिर किसी खेल की योजना है। अहम बात यह है कि यह राशि जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को जारी की गई है।
कोरोना संकट को भांपते हुए राज्य सरकार ने स्वास्थ्य महानिदेशक को 50 करोड़ रुपये की राशि 16 मार्च को ही जारी कर दी थी। इस राशि में 25 करोड़ रुपये अस्थायी एकमोडेशन बनाने और इनमें रखे जाने (कोरंटाइन के लिए) वालों के लिए कपड़े, खाने, मेडिकल केयर के साथ ही सैंपलिंग, स्क्रीनिंग और कांट्रेक्ट ट्रेसिंग आदि पर व्यय किए जाने हैं। 20 करोड़ की राशि से अतिरिक्त टेंटिंग लैब के साथ ही स्वास्थ्य, नगर निकाय पुलिस और फायर कर्मियों के लिए सुरक्षा उपकरणों पर खर्च होने हैं। इसके साथ ही थर्मल स्केनर, वेंटिलेटर, एयर प्यूरीफायर आदि की व्यवस्था भी होनी है। पांच करोड़ रुपये से राज्यभर में जनजागरुकता अभियान भी चलाया जाना है।
अहम बात यह है कि यह राशि मिलने के दो सप्ताह बाद भी इनमें से कोई भी काम मूर्ति रूप नहीं ले सका है। थर्मल स्केनर और वेंटिलेटर की खरीद के लिए अब टेंडर करने की बात की जा रही है। स्वास्थ्य कर्मी किन हालात में काम कर रहे हैं, ये किसी से छुपा नहीं है। ऐसे में सवाल यह खड़ा हो रहा है कि जब सरकार ने वक्त रहते धनराशि उपलब्ध करा दी तो काम आगे क्यों नहीं बढ़ रहे हैं। अगर बढ़ रहे हैं तो उनकी हकीकत सामने क्यों नहीं आ पा रही है। यहां बता दें कि ये तमाम काम जिलों में मुख्य चिकित्सा अधिकारियों के स्तर से ही किए जाने थे। बताया जा रहा है कि जिलों में डीएम और सीएमओ के बीच आपसी तालमेल की कमी सामने आ रही है। अगर वक्त रहते सरकार ने इस ओर ध्यान नहीं दिया तो बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
ऊधमसिंह नगर को 2 करोड़ अलग से
16 तारीख को यह 50 करोड़ जारी होने के बाद ऊधमसिंह नगर के डीएम ने राहत कार्य के लिए 20 करोड़ रुपये की मांग की। सरकार ने 25 मार्च को 2 करोड़ रुपये इस जिले के लिए और भी अवमुक्त कर दिए हैं। यह राशि भी 31 मार्च तक खर्च करनी है।