देहरादून : उत्तराखंड भाजपा द्वारा 2022 के विधानसभा चुनाव में हारी हुई 23 विधानसभाओं में सांसदों के प्रवास किए जाने को लेकर उत्तराखंड कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने भाजपा नेतृत्व को विज्ञप्ति जारी कर आड़े हाथों लिया है।
दसौनी ने कहा कि आखिर उत्तराखंड भाजपा को उत्तराखंड की 23 विधानसभाओं में ही दिलचस्पी क्यों है? बाकी 47 विधानसभाओं में उत्तराखंड भाजपा ने ऐसे विकास के कौन से कीर्तिमान स्थापित कर दिए हैं जिनको लेकर भाजपा नेतृत्व और संगठन इतना आश्वस्त दिखाई पड़ रही है?
दसौनी ने कहा की क्या उत्तराखंड की भाजपा द्वारा जीती हुई 47 विधानसभा में भाजपा के जीते हुए विधायकों के द्वारा स्वास्थ्य, शिक्षा ,रोजगार ,सड़क इत्यादि के मसले सुलझा लिए गए हैं? क्या उन 47 विधानसभा में राम राज्य स्थापित हो गया है?
क्या उन 47 विधानसभाओं में कोई अपराध नहीं हो रहे हैं? क्या उन 47 विधानसभा में सरकारी अस्पतालों की व्यवस्था, सरकारी विद्यालयों की व्यवस्था ,सड़कों की व्यवस्था चाक चौबंद हो चुकी है? क्या उन 47 विधानसभाओं के युवाओं को रोजगार मिल चुका है? जो भाजपा संगठन एड़ी चोटी का जोर सिर्फ 23 विधानसभा में लगाने की तैयारी कर रहा है।
दसौनी ने कहा कि भाजपा बताएं कि उत्तराखंड बीते 2 वर्षों में जिन चुनौतियों से जूझ रहा था उस वक्त उसके पांचो सांसद कहां नदारद थे? दसोनी ने कहा कि चाहे वह जोशीमठ भू धंसाव हो या अंकिता भंडारी हत्याकांड , भर्ती घोटाले हो या केदारनाथ से सोना चोरी हुआ हो सभी बड़े प्रकरणों पर भाजपा के जीते हुये पांचों सांसदों ने चुप्पी साधे रखी।
उत्तराखंड बीजेपी को यह क्यों लगता है कि अब उसके सांसद जहां भी जाएंगे उनको पलक पांवड़े बिछाकर जनता उनका स्वागत करेगी या उनको स्वीकार करेगी क्योंकि भाजपा अपने किसी भी दावे और वादे पर खरी नहीं उतरी है।
गरिमा ने कहा की उत्तराखंड के आम जनमानस में आज भाजपा नेतृत्व को लेकर खासा आक्रोश और गुस्सा है । महंगाई और बेरोजगारी अपने चरम पर है, अस्पतालों और विद्यालयों की दुर्दशा हो चुकी है सड़कों में गड्ढों की वजह से आए दिन जनता को दुश्वारियों से दो-चार होना पड़ता है।
दसौनी ने कहा कि भाजपा मुंगेरीलाल के हसीन सपने देख रही है कि वह कांग्रेस के किलों को अपने सांसदों के द्वारा ढहाने का काम करेगी पर यह दूर की कौड़ी है और भाजपा अपने द्वारा जीती हुई 47 सीटों पर ही अपनी जमानत बचा ले वही उसके लिए बड़ी बात होगी।