उत्तराखंड

देहरादून में जापानी विधि से पौधरोपण

Japanese method of plantation in Dehradun

राज्य के शहरी क्षेत्र में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर पहली बार किया गया मियावाकी तकनीक का इस्तेमाल

देहरादून : देहरादून शहर में जापानी तकनीकी मियावाकी से पौधारोपण किया गया। उत्तराखंड वानिकी अनुसंधान संस्थान के सहयोग से पहली बार राज्य के शहरी क्षेत्र में इस तरह का प्रयोग किया गया। इस मौके पर स्थानीय प्रजातियों के 300 से ज्यादा पौधे रोपे गए। इसके साथ ही 3 वर्षों तक इस अर्बन फॉरेस्ट की देखभाल करने का संकल्प भी लिया गया।

यह अभियान अर्बन फॉरेस्ट पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया गया है। पौधरोपण अभियान में उत्तराखंड वानिकी अनुसंधान संस्थान, वसंत विहार दून वैली ऑफिसर्स को-ऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी, एसडीसी फाउंडेशन और एसजीआई फाउंडेशन ने हिस्सा लिया।

मियावाकी तकनीक में पौधारोपण के लिए सिर्फ पौधा लगाने के लिए खोदे गए गड्ढे में ही खाद नहीं दी जाती, बल्कि पौधारोपण वाली पूरी जमीन को फर्टिलाइज किया जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार इस विधि में पौधे तेजी से ग्रोथ करने के लिए आपस में कॉमपीटीशन और सहयोग करते हैं। इस विधि से केवल स्थानीय वनस्पतियों के पौधे ही रोपे जाते हैं।

उत्तराखंड वानिकी अनुसंधान द्वारा राज्य के फॉरेस्ट एरिया में पहले भी इस तरह का सफल प्रयोग किया जा चुका है। अर्बन एरिया में यह प्रयोग पहली बार किया गया है।

पौधारोपण अभियान में जिन प्रजातियों के पौधों को रोपा गया उसमें पीला अमलताश, टिकोमा, कैसिया सियामाइक, नीम, सहजन, भीमल, पारिजात, तेजपात, कचनार, पुत्रजीवा, ओंस घास आदि शामिल हैं।

पौधारोपण अभियान में हिस्सा लेने वाले सभी संगठनों ने अगले तीन वर्षों तक इस अर्बन फॉरेस्ट की देखभाल करने का संकल्प भी लिया। इसके साथ ही देहरादून और राज्य के अन्य हिस्सों में भी इस विधि से अर्बन फॉरेस्ट लगाने की बात कही।

मुख्य वन संरक्षक (अनुसंधान) संजीव चतुर्वेदी ने शहरी क्षेत्र में इस तरह के प्रयास की सराहना की। उन्होंने आशा व्यक्त की कि शहरी क्षेत्रों में इस तरह के सामुदायिक भागीदारी आधारित वनीकरण मॉडल को भविष्य में गति मिलेगी। उन्होंने कहा कि समुदाय द्वारा की गई यह पहल सकारात्मक है और आने वाले समय में इसके अच्छे परिणाम मिलेंगे।

वसंत विहार दून वैली ऑफिसर्स को-ऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी के अध्यक्ष धीरेंद्र शर्मा ने शहर के वसंत विहार क्षेत्र में विभिन्न हितधारकों को शामिल करते हुए समुदाय संचालित पहल की सराहना की। उन्होंने आश्वासन दिया कि 600 से अधिक सदस्यों वाली सोसायटी भविष्य में भी इस तरह की हरित पहल में भाग लेगी।

एसडीसी फाउंडेशन के अनूप नौटियाल ने बताया कि यह अभियान शहरी वानिकी के पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया गया है। निकट भविष्य में फाउंडेशन का प्रयास अन्य हितधारकों के साथ सहयोग करना और अन्य क्षेत्रों में भी इसी तरह की जलवायु-अनुकूल पहलों को लागू करना होगा।

एसजीआई फाउंडेशन के दुर्गेश रतुड़ी ने कहा कि उनकी संस्था नियमित रूप से पौधारोपण अभियान चलाती है। मियावाकी विधि से पौधे रोपने का यह पहला प्रयास है। आने वाले दिनों में इसे आगे बढ़ाया जाएगा।

वृक्षारोपण कार्यक्रम में कर्नल देवेन्द्र कुमार बर्थवाल, एल के पुरोहित, राकेश कपूर, उषा डंगवाल, दीक्षित पाठक, प्यारे लाल, प्रवीण उप्रेती, अभिषेक भट्ट, देविका, उत्कर्ष राणा, सुनीत वर्मा और अन्य लोग उपस्थित रहे।

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