यूपी के कारनामों पर प्रमोटी आईएएस रामविलास गिरफ्तार
सपा सरकार में बोलती इस पीसीएस की ‘तूती’
करते थे आईएएस अफसरों की ट्रांसफर पोस्टिंग
उत्तराखंड आकर आईएएस कैडर में हुई पदोन्नति
आका की दम पर यहां भी मनमाने अंदाज में काम
त्रिवेंद्र सरकार के समय में यूपी से मिली शिकायत
तीन साल आका की वजह से नहीं कोई भी एक्शन
सीएम धामी ने नजरें की तिरछी तो आए गिरफ्त में
देहरादून। पीसीएस से पदोन्नति पाकर आईएएस बने रामविलास यादव को उत्तराखंड विजिलेंस ने आखिरकार गिरफ्तार कर ही लिया। यूपी में रहते समाजवादी पार्टी की सरकार में इस अफसर की तूती बोलती थी। सियासी आकाओं की दम पर जमकर कमाई की। भाजपा सरकार बनी तो कारनामों पर यूपी ने उत्तराखंड को 2019 में शिकायतों की जांच को कहा। उत्तराखंड में भी एक को सियासी आका बना चुके इस अफसर ने विजिलेंस के बुलावे को तो नजरअंदाज किया ही, समाज कल्याण विभाग में जमकर मनमानी की। अब सीएम पुष्कर धामी की नजरे तिरछी हुईं तो अफसर को जेल जाना पड़ा।
राज्य गठन के वक्त पीसीएस अफसर रामविलास यादव उत्तराखंड कैडर मिला। लेकिन इस अफसर ने यहां ज्वाइन नहीं किया। सपा नेताओं से खासी नजदीकी चलते ऐन केन प्रकारेण ये वहीं जमे रहे। आईएएस में प्रमोशन का मौका आते ही उत्तराखंड आ गए और आईएएस बन गए। यहां भी एक सियासी आका बना लिया और मनमाने अंदाज में काम करते रहे।
इसे इस तथ्य के प्रकाश में देखें कि यूपी सरकार ने 2019 में उत्तराखंड सरकार को एक शिकायती पत्र भेजा और बताया कि इस अफसर ने किस तरह से आय ने पांच सौ गुना ज्यादा संपत्ति बना ली है। तत्कालीन त्रिवेंद्र सरकार ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया। दो माह पहले यूपी सरकार ने अपने यहां मुकदमा दर्ज कर जांच के लिए उत्तराखंड भेजा। मामला संज्ञान में आकर सीएम धामी की निगाहें तिरछी हो गईं। तत्काल ही यादव के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मंजूरी दी। विजिलेंस ने जांच आगे बढ़ाई और आखिरकार इस अफसर को गिरफ्तार कर ही लिया। अहम बात यह भी है कि यूपी में रहते सपा सरकार के समय में इस पीसीएस अफसर की तूती बोलती थी। बताया तो यहां तक जाता है कि आईएएस अफसरों के ट्रांसफर और पोस्टिंग में इसी अफसर की चलती थी। मनचाही पोस्टिंग के लिए आईएएस और पीसीएस अफसर इसी के दर पर मत्था टेकते थे। खुद को यह अफसर हमेशा ही मलाईदार पदों पर रहा और काली कमाई करता रहा।