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कृषि मंत्री के विदेश दौरे के समर्थन में आए कांग्रेस अध्यक्ष

इस पर आखिर क्यों हो रही है आपत्तिः करन

कांग्रेस के दो विधायक भी शामिल हैं इस दल में

12 दिन तीन देशों की यात्रा में सीखेंगे जैविक खेती

सोशल मीडिया में इसे बताया जा रहा फिजूलखर्ची

दौरा रद करने की मांग भी उठ रही है तेजी से

देहरादून। कृषि मंत्री गणेश जोशी विधायकों और अफसरों के साथ तीन देशों के दौरे पर जा रहे हैं। मंत्री के इस दौरे को फिजूलखर्ची बताकर सोशल मीडिया में खासा विरोध हो रहा है। लेकिन मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस को इसमें कुछ भी गलत नहीं लग रहा है। यहां बता दें कि मंत्री ने अपने विदेशों में दौरे के दल में दो कांग्रेसी विधायकों को भी शामिल किया है।

काबीना मंत्री गणेश जोशी पांच विधायकों और अफसरों के साथ जर्मनी, इटली और स्विटजरलैंड के दौरे पर जा रहे हैं। इस दल के 12 दिवसीय विदेश दौरे का मकसद जैविक खेती के गुर सीखना बताया जा रहा है। इस विदेश दौरे पर कई लाख रुपये सरकारी खजाने से खर्च होने का अनुमान है।

मंत्री के इस दौरे का सोशल मीडिया में खासा विरोध हो रहा है। कहा जा रहा है कि जैविक खेती में उत्तराखंड पहले से संपन्न है। फिर पूर्व कृषि मंत्री सुबोध उनियाल भी कृषि मंत्री रहते इसी जैविक खेती सीखने के नाम पर विदेशों की सैर कर चुके हैं। सरकार को इस नए दौरे की अनुमति देने से पहले यह बताना चाहिए कि पिछले दौरे से उत्तराखंड को क्या मिला और जैविक खेती को कितना बढ़ावा मिला। सोशल मीडिया में इस दौरे को महज सैर सपाटे के नाम पर फिजूलखर्ची ही बताया जा रहा है।

एक तरफ इस तरह का विरोध हो रहा है तो दूसरी ओर मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस को इसमें कोई बुराई नजर नहीं आ रही है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि ऐसे दौरे से सीखने को मिलता है। उन्होंने इतना जरूर कहा कि सरकार को यह देखना चाहिए कि यह दौरा महज सैर सपाटा ही साबित न हो। यहां बता दें कि इस दौरे को लेकर विपक्ष के संभावित विरोध को भांपकर कृषि मंत्री ने कांग्रेस के दो विधायकों को भी दौरे पर जा रहे प्रतिनिधिमंडल में शामिल किया है। चर्चा है कि इसी वजह से कांग्रेस इस दौरे का विरोध करने की वजाय उसकी पैरवी कर रही है।

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