कुछ किया ही नहीं तो गिनाते क्याः मनीष
सिसोदिया से विकास पर बहस को नहीं पहुंचे मंत्री कौशिक
दिल्ली के डिप्टी सीएम करते रहे इंतजार
बाद में उत्तराखंड सरकार पर बोला हमला
देहरादून। दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया से विकास के मुद्दे पर बहस के लिए उत्तराखंड के काबीना मंत्री शासकीय प्रवक्त मदन कौशिक नहीं पहुंचे। लंबा इंतजार करने के बाद सिसोदिया ने कटाक्ष करते हुए कहा कि अगर कुछ किया होता तभी तो गिना पाते। सिसोदिया ने उत्तराखंड सरकार को पूरी तरह से फेल करार दिया।
उत्तराखंड में सियासी वजूद बनाने में जुटी आम आदमी पार्टी (आप) ने भाजपा सरकार को विकास के मुद्दे पर चर्चा कराने को कहा था। काबीना मंत्री मदन कौशिक ने इस चुनौती को मीडिया में स्वीकार कर लिया था। दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने समय और तारीख तय करके काबीना मंत्री कौशिक को खत लिखा और विकास पर चर्चा के लिए आमंत्रित किया। रविवार को सिसोदिया पहले से तय समय और स्थान पर पूरी तैयारियों के साथ पहुंच गए। ऑडीटोरियम में मीडिया के साथ ही आप के तमाम कार्यकर्ता भी।
सिसोदिया ने मदन कौशिक का लगभग एक घंटे तक इंतजार किया। लेकिन विकास का केजरीवाल मॉडल बनाम त्रिवेंद्र मॉडल पर बहस के लिए मदन कौशिक पहुंचे ही नहीं। इसके बाद मनीष ने उत्तराखंड सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि अगर कुछ किया होता तभी तो गिना पाते। आप ने उत्तराखंड सरकार को खुली चुनौती दी थी कि जनहित में किए गए विकास पांच काम गिनाकर दिखाए। मनीष बोले कि इसके जवाब में कौशिक ने पांच सौ काम गिनाने की बात कर समय और स्थान तय करने को कहा। अब तय समय और स्थान पर काबीना क्यों नहीं आए और अपनी सरकार के पांच जनहितकारी काम क्यों नहीं गिनाए। इससे साफ होता है कि उत्तराखंड भ्रमण के दौरान उन्हें जो फीड मिला था कि सरकार ने कुछ नहीं किया है, वह सच साबित हो गया है।
डिप्टी सीएम ने कहा कि वे मदन कौशिक को छह जनवरी को दिल्ली के लिए आमंत्रित कर चुके हैं। वे आएं तो देखें कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार विकास के किस मॉडल पर काम कर रही है। यहां बता दें कि विगत दिवस कौशिक ने मनीष को संबोधित एक खत मीडिया को जारी किया था। इसमें उन्होंने कहा था कि आपने कथित दिल्ली मॉडल को सामने रखते हुए उत्तराखंड मॉडल के साथ सार्वजनिक बहस का निमंत्रण दिया है। उत्तराखंड भाजपा और उत्तराखंड सरकार आपके इस निमंत्रण का स्वागत करती है। लेकिन इस बहस से पूर्व कुछ बिंदुओं पर ध्यान दिया जाना आवश्यक है। अन्ना हजारे द्वारा खड़े किए गए भ्रष्टाचार विरोधी जिस आंदोलन से आम आदमी पार्टी का उदय हुआ आज आपकी पार्टी उन मूल्यों से बहुत दूर आ गई है। खुद अन्ना हजारे आपकी पार्टी और सरकार की गतिविधियों को खारिज कर चुके हैं। आप उम्मीदों और सपनों को बेचने वाले व्यापारी की तरह व्यवहार करते हैं। जहां तक उत्तराखंड की बात है तो यहां हर साल करोड़ों पर्यटक आते हैं। उत्तराखंड को आप जैसे टूरिस्ट पॉलीटिशियन का स्वागत करने में भी कोई हिचक नहीं है। और जो सार्वजनिक चर्चा अथवा बहस का प्रश्न है राजनीति एक गंभीर विषय है। यह किसी थिएटर का शो नहीं है। उत्तराखंड भाजपा का कोई नेता अथवा मंत्री ही नहीं पार्टी का छोटे से छोटा कार्यकर्ता भी आपके साथ मजबूती के साथ मुद्दा आधारित राजनीतिक बहस कर सकता है।
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