राजनीति

लोकतंत्र की बिडंबनाः कई बार अयोग्य लोगों को मिल जाता है ‘भार’

आखिर किस पर है त्रिवेंद्र का ‘सियासी हमला’

आखिर किस अय़ोग्य को हाईकमान ने दे दिया है ‘भार’ ?

देहरादून। पौने दो साल पहले सीएम की कुर्सी से हटाए गए त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बगैर किसी का नाम लिए एक बड़ा सियासी हमला किया है। त्रिवेंद्र ने साफ कहा कि लोकतंत्र की यह बिडंबना है कि कई बार ऐसे लोगों को ‘भार’ मिल जाता है, जो उसे उठाने ‘लायक’ नहीं होते है। सियासी गलियारों में त्रिवेंद्र का यह बयान खासा चर्चा में है। कयास लगाए जा रहे हैं कि भाजपा हाईकमान ने किस गैर लायक नेता को भार दे दिया है और उनके निशाने पर कोई सियासतदां है।

मीडिया से बातचीत में त्रिवेंद्र ने कहा कि लोकतंत्र में सभी की जिम्मेदारी मिलती है। कुछ बहुत बुद्धिमान होते हैं तो कुछ बुद्धिमान और कुछ कम बुद्धिमान। यह लोकतंत्र की बिडंबना है कि कई बार भार ऐसे लोगों को भी मिल जाता है, जो उस भार को उठाने लायक भी नहीं होते हैं। त्रिवेंद्र ने यूं तो किसी का नाम नहीं लिया। पर उनके निशाने पर कौन नेता हो सकता है। इसे आसानी से समझा जा सकता है।

यही वजह है कि भाजपा में अंदरखाने उनके इस बयान की खासी चर्चा हो रही है। लोग अपने-अपने तरीके से कयाल लगा रहे हैं कि आखिरकार कौन सा वो नेता है, जिसे वो भार दे दिया गया है, जिसे उठाने लायक वो नेता नहीं है। भाजपाई खेमें में यह चर्चा भी है कि त्रिवेंद्र खुद को सीएम पद से अचानक हटाए जाने का दर्द अभी तक नहीं भूल पाए हैं। और वह दर्द जब उनके दिल में उठता है तो वे इसी तरह की बयानबाजी करते हैं।

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