पुराने विभाग चाहने वाले मंत्रियों की “कुंडली” बांच रहा हाईकमान

…तो इस वजह से हो रही विभाग बंटवारे में देरी !
फिर वही विभाग चाहते हैं माननीय मंत्री
इस चाहत पर मंडरा रहे संकट के बादल
देहरादून। धामी सरकार में फिर से मंत्री बने नेताओं की चाहत है कि उन्हें पुराने विभाग ही दे दिए जाए। ताकि अधूरे कामों को अंजाम तक पहुंचाया जा सके हैं। लेकिन सूत्रों का कहना है कि मंत्रियों की इस चाहत पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। भाजपा हाईकमान परीक्षण करवा रहा है कि पिछले कार्य़काल में किस मंत्री के किस विभाग में क्या-क्या “काम” हुए हैं। विभागों के बंटवारे में देरी की सबसे बड़ी वजह यही बताई जा रही है।
मंत्रिमंडल की शपथ को एक सप्ताह से ज्यादा वक्त हो गया है। लेकिन सत्र आहूत होने के बाद भी किसी मंत्री के विभाग आवंटित नहीं किए जा सके हैं। बताया जा रहा है कि इसकी वजह यह है कि पिछली सरकार में मंत्री रहे नेताजी चाहते हैं कि उन्हें पुराने विभागों के साथ ही कुछ नए विभाग भी दे दिए जाएं। इसी सिलसिले में कुछ मंत्री तो दिल्ली तक के चक्कर लगा चुके हैं।
सूत्रों का कहना है कि स्पष्ट बहुमत मिलने के बाद भाजपा हाईकमान कोई भी काम जल्दबाजी में नहीं करना चाहता है। मंत्रियों की पुराने विभाग लेने की कवायद को भी हाईकमान ने खासी गंभीरता से लिया है। सूत्रों का कहना है कि भाजपा हाईकमान इस वक्त पुरानी सरकार में मंत्री रहे नेताओं के विभागों में हुए कामों का परीक्षण करवा रहा है और यह समझने की कोशिश की जा रही है कि आखिर ये मंत्री पुराने विभाग ही क्यों चाहते हैं। बताया जा रहा है कि विभागों के बंटवारे में हो रही देरी की अहम वजह भी यही है।
भाजपा के उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि परीक्षण के बाद ही तय होगा कि क्या किसी मंत्री को पुराने विभाग ही दिए जाए। सूत्रों का कहना है कि मौजूदा हालात में इस बात की संभावना बहुत कम है कि किसी भी मंत्री को पिछली सरकार के समय के ही विभागों का आवंटन किया जाएगा। यह भी हो सकता है कि विभाग नए मंत्री को दिया जाए और उससे कहा जाए कि पुराने कामों की नए सिरे से समीक्षा के बाद ही उन्हें आगे बढ़ाया जाए।