कांग्रेसः सल्ट में शह और मात का खेल जारी
टिकट हरदा पक्ष को तो धुर विरोधी पिता-पुत्र संचालन समिति में
क्या इन हालात में भाजपा को चुनौती देगी कांग्रेस
देहरादून। सल्ट विस के उप चुनाव में कांग्रेस की अंदरूनी कलह में शह और मात का खेल जारी है। एक तरफ जहां हरीश रावत अपने पुराने शिष्य की दावेदारी को नजरअंदाज करके अपनी मर्जी से टिकट दिलवा चुके हैं तो दूसरी ओर चुनाव संचालन समिति में हरदा के धुर विरोधी पिता-पुत्र को शामिल करके दसरे गुट ने अपनी ताकत का अहसास कराया है। ऐसे में सवाल ये हैं कि क्या कांग्रेस इस अपनी अंदरूनी कलह के चलते भाजपा को मात दे पाएगी।
अल्मोड़ा जिले की सल्ट विस का उप चुनाव 2022 के आम चुनाव का रिहर्सल माना जा रहा है। ऐसे में कांग्रेस की अंदरूनी कलह क्या रंग दिखाएगी ये आने वाला समय ही बताएगा। हालात ये हैं कि हरदा ने अपनी पसंद की गंगा को टिकट दिलवाकर अपनी ताकत का अहसास कराया है तो दूसरी ओर उनका विरोधी गुट हार मानने को तैयार ही नहीं है।
एक दौर में हरदा के बेहद नजदीकी रहे सल्ट के पूर्व विधायक रणजीत रावत के बीच इन दिनों सियासी ताल्लुकात बेहद खराब है। रणजीत यह कह चुके हैं कि उम्र बढ़ने के साथ किसी भी व्यक्ति की सोचने की क्षमता कम हो जाती है। रणजीत चाहते थे कि सल्ट से उनके बेटे विक्रम को टिकट दिया जाए। बताया जा रहा है कि कांग्रेस प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव, प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह और नेता प्रतिपक्ष डॉ. श्रीमती इंदिरा ह्रदयेश भी इसी पक्ष में थी। लेकिन हरदा ने अपनी पसंद की गंगा पंचोली को टिकट दिलवा दिया।
शुक्रवार को प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने सल्ट उप चुनाव के लि संचालन समिति के 19 सदस्यों की सूची जारी की है। इसमें हरदा गुट के कुछ नेताओं के नाम शामिल हैं तो हरदा के धुर विरोधी रणजीत रावत के साथ ही उऩके पुत्र विक्रम का नाम भी शामिल है। ऐसे में सवाल यह खड़ा हो रहा है कि क्या हरदा की मंशा से टिकट पाने वाली गंगा के लिए रणजीत और उनके ब्लाक प्रमुख पुत्र विक्रम जी जान से गंगा को जिताने के लिए काम करेंगे। साफ जाहिर है कि स्व. सुरेंद्र सिंह जीना की असमय मृत्यु के बाद उनके भाई को टिकट देकर सहानुभूति वोट हासिल करने की जुगत में जुटी भाजपा को दो धड़ों में बंटी कांग्रेस कोई चुनौती दे पाएगी।
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