ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग का सीएम ने बदला नाम

अब नाम होगा ‘पलायन निवारण आयोग’
सिफारिश क्रियान्वन को बनाई जाएगी एक कमेटी
एसीएस आनंद बर्धन होंगे इस कमेटी के अध्यक्ष
गांव में ग्राम सेवक की तैनाती पर भी होगा काम
देहरादून। ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग की बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा ग्रामीण क्षेत्रों से पलायन को रोकने के उद्देश्य से बने इस आयोग को नाम पलायन निवारण आयोग रखा जाए। आयोग की सिफारिशों पर बेहतर क्रियान्वयन के लिए अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई जाए। इसमें आयोग के सदस्य भी होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए एक ग्राम एक सेवक की अवधारणा पर कार्य किये जाएं। उत्तराखण्ड के समग्र विकास के लिए राज्य सरकार अनेक जन कल्याणकारी योजनाओं पर कार्य कर रही है। राज्य के विकास से संबंधित नए विषयों को आगे बढ़ाया जा रहा है। 2025 में उत्तराखण्ड राज्य स्थापना की रजत जयंती मनायेगा। ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग तब तक किस-किस क्षेत्र में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है, उन क्षेत्रों में कार्ययोजना के साथ ही कार्य एवं उपलब्धि धरातल पर दिखे, इस दिशा में विशेष ध्यान दिया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पलायन आयोग की रिपोर्ट में आ रहे सुझावों को अमल में लाने के लिए संबंधित विभागों द्वारा ठोस कार्ययोजनाएं बनाई जाए। जनकल्याणकारी योजनाओं का लोगों को अधिक से अधिक लाभ मिले, इसके लिए प्रक्रियाओं के सरलीकरण पर विशेष ध्यान दिया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों से पलायन को रोकने के लिए गांवों पर केन्द्रित योजनाओं पर विशेष ध्यान दिया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका के संसाधन बढ़ाने एवं अवस्थापना विकास से संबंधित केन्द्र एवं राज्य सरकार की योजनाओं का आम जन को पूरा लाभ मिले। अधिकांश लोगों को आजीविका से कैसे जोड़ा जा सकता है, इस दिशा में विशेष ध्यान दिया जाए।
ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग उपाध्यक्ष डॉ. एसएस नेगी ने कहा कि आयोग राज्य सरकार को 18 रिपोर्ट दे चुका है। काफी लोगों का रूझान रिवर्स माइग्रेशन की दिशा में बढ़ा है। आयोग के सदस्यों ने भी राज्य के समग्र विकास के लिए किन क्षेत्रों में अधिक ध्यान देने की जरूरत है, अपने सुझाव दिये। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, आनन्द बर्द्धन, सचिव शैलेश बगोली, विशेष सचिव डॉ. पराग मुधुकर धकाते, अपर सचिव आनन्द स्वरूप, सदस्य ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग अनिल शाही, श्रीमती रंजना रावत, सुरेश सुयाल, दिनेश रावत एवं राम प्रकाश पैन्यूली उपस्थित थे