चंपावत उप चुनावः ‘मित्र विपक्ष’ या ‘ऱणनीति धामी’ का असर
कांग्रेस प्रत्याशी का दर्दः सिर्फ सिंबल ही मिला !
आखिरकार इस अंदाज में दिया पुष्कर को ‘वाकओवर’
जनता में थी विधायक नहीं सीएम चुनने की ‘लालसा’
उप चुनाव में जीत का रिकार्ड बनाते दिख रहे ‘पुष्कर’
देहरादून। चंपावत का उप चुनाव खासा रोचक अंदाज में हुआ है। भाजपा ने जहां पूरी ताकत झोंक दी तो कांग्रेसी दिग्गज रस्म अदायगी तक सीमित रहे। वैसे में चंपावत की जनता में एक विधायक नहीं, सीएम को अपना प्रतिनिधि बनाने की लालसा थी। बाकी कसर कांग्रेस प्रत्याशी के बयान ने पूरी कर दी। अब सवाल यह है कि कांग्रेस ने धामी को मित्र विपक्ष की भूमिका निभाते हुए वाकओवर दिया या फिर रणनीति धामी के सामने सब चित हो गए।
उप चुनाव के लिए कांग्रेस का प्रत्याशी घोषित होने के बाद ही न्यूज वेट ने खुलासा किया था कि धामी को वाकओवर मिल गया है। (देखें खबर चंपावत के रण से दूर ही रहे कांग्रेसी दिग्गज https://newsweight24x7.com/politics/congress-veterans-stayed-away-from-champawat-rann-of-important-prestige/)। लेकिन कांग्रेसी दिग्गज तमाम दावे करते दिख रहे थे। मतदान के अगले रोज कांग्रेस प्रत्याशी निर्मला गहतोड़ी के एक बयान ने कांग्रेसी दावों और चुनाव जीतने की मंशा का परदाफाश कर दिया। उन्होंने साफ कहा कि कांग्रेस के नाम पर उन्हें सिंबल मिला। जाहिर है कि किसी भी दिग्गज ने चुनाव में कोई पैसा खर्च नहीं किया। प्रचार के नाम पर चंपावत की सैर करके ही लौट आए।
अब सवाल यह खड़ा हो रहा है कि कांग्रेस का यह कथित वाकओवर मित्र विपक्ष की भूमिका वाला है या फिर ऱणनीति धामी के आगे पूरी कांग्रेस की नतमस्तक हो गई। यूं तो भाजपा ने इस चुनाव को जीतने के लिए पूरी ताकत झोंक दी थी। लेकिन कांग्रेस शुरुआत से ही कहीं भी मुकाबला करती नहीं दिखी। कांग्रेसी दिग्गज महज जुमलेबाजी से धामी का मुकाबला करते दिखे। ऐसे में नतीजा भी साफ ही दिख रहा है। कल शुक्रवार को होने वाली मतगणना में कांग्रेस प्रत्याशी की जमानत जब्त होने और सीएम धामी की रिकार्ड मतों से जीत का नतीजा सामने आए तो किसी को भी कोई आश्चर्य नहीं होगा।