कोरोनाः टेस्टिंग में हरिद्वार, यूएस नगर फिसड्डी
एक लाख की आबादी पर महज सवा चार सौ टेस्ट का औसत
देहरादून जिला इस मामले में अब तक अव्वल
देहरादून। कोरोना महामारी के इस दौर टेस्टिंग को तमाम तरह के सवाल उठ रहे हैं। आंकड़ों की बात करें तो टेस्टिंग के मामले में हरिद्वार जिला सबसे पीछे हैं। इस जिले में एक लाख की आबादी पर महज 425 लोगों के ही टेस्ट हो रहे हैं। टेस्टिंग के मामले में देहरादून जिला सबसे आगे है।
सोशल डेवलमेंट फॉर कम्युनिटी फाउंडेशन नामक संस्था सरकार की ओर से रोजाना उपलब्ध कराए जा रहे आंकड़ों का अध्ययन कर रही है। इस संस्था के संस्थापक अनूप नौटियाल के अनुसार कोरोना टेस्टिंग के मामले में देहरादून जिला सबसे आगे हैं। इस जिले ने एक हजार के आंकड़े को पार किया है। इस जिले में अब तक 20,846 टेस्ट हुए है। इस लिहाज से इस जिले में प्रति एक लाख की आबादी पर 1008 के टेस्ट हो रहे हैं।
इस टेस्टिंग के मामले में हरिद्वार जिला एक दम फिसड्डी है। इससे आगे तो कई पर्वतीय जिले है। इस जिलेभर में अब तक महज 9,809 लोगों का ही टेस्ट हुआ है। अगर आबादी के लिहाज से बात की जाए तो यह आंकड़ा प्रति एक लाख की आबादी पर महज 425 ही है। हरिद्वार जिले में टेस्टिंग का ये आंकड़ा चौकाने वाले हैं। इस जनपद में बाहर से आने वालों की संख्या अन्य जनपदों की तुलना में खासी ज्यादा है। इसके बाद भी टेस्टिंग के मामले में एक जिले का राज्यभर में सबसे फिसड्डी होना तमाम सवाल खड़े कर रहा है। इसी तरह से ऊधमसिंह नगर में भी एक लाख की आबादी पर महज 427 टेस्ट ही हो रहे हैं। पिछले आंकड़े इस बात की तस्दीक करते हैं कि सैंपल्स की टेस्टिंग बढ़ने के साथ ही संक्रमितों की संख्या में तेजी आती है। अब जब टेस्टिंग ही इतनी धीमी है तो हरिद्वार जिले में कोरोना महामारी की तस्वीर भी साफ नहीं हो रही है। यहां यह बता दें कि किसी भी जिले में संक्रमितों की संख्या को देखते हुए ही फैसले लिए जाते हैं।
हिमालयी राज्यों में 10 वें नंबर पर उत्तराखंड
सोशल डेवलमेंट फॉर कम्युनिटी फाउंडेशन के मुखिया अनूप बताते हैं कि 11 हिमालयी राज्यों में टेस्टिंग के मामले में उत्तराखंड 10 वें नंबर है। केवल लद्दाख उत्तराखंड के पीछे है। पड़ोसी राज्य हिमाचल टेस्टिंग के मामले में बहुत आगे है। उत्तराखंड में खास तौर पर टेस्टिंग को बढ़ाने की जरूरत है। हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर जिलों पर तत्काल ही खास फोकस किया जाना चाहिए।