खुलासा

हल्द्वानी लिटरेचर फेस्टिवल में भारतीय इतिहास और विवाद पर मंथन

निष्कर्षः भारतीय इतिहास किया गया खुर्द-खुर्द

हल्द्वानी। हल्द्वानी लिटरेचर फेस्टिवल में भारतीय इतिहास और विवाद पर चर्चा में कहा गया कि भारत के ऐतिहासिक तथ्यों ऐतिहासिक संरचनाओं और इतिहास के पिछले पन्नों पर बहुत छेड़छाड़ की गई। यह बात लेखक सबरीश पीए और शांतनु गुप्ता ने की। संचालन कर रहे पंचजन्य के संपादक हितेश शंकर ने भारतीय इतिहास और विवाद के संबंध में एक-एक कर दोनों लेखकों से कई सवाल किए।

इस सत्र में ज्ञानवापी के मामले से लेकर नूपुर शर्मा के बयान तक पूरी चर्चा की गई साथ ही भारतीय संरचनाओं को सुनियोजित तरीके से सभ्यता को नष्ट करने के लिए इतिहास के साथ छेड़छाड़ की गई इस पर भी शांतनु गुप्ता ने अपने विचार रखे तो वही सबरीश ने कैसे आज के दौर में नैरेटिव सेट किया जा रहा है इस पर तथ्यात्मक टिप्पणी की।वही पंचजन्य के संपादक हितेश शंकर ने भारतीय इतिहास के पौराणिक तथ्यों को पिछली सल्तनतो मैं किस तरह खुर्द बुर्द किया इस पर भी प्रकाश डाला।

हल्व्वानी लिटरेटर फेस्टिवल में शिरकत करते लोग

हल्द्वानी में दो दिवसीय लिटरेचर फेस्टिवल का शुभारंभ डीपीएस के ऑडिटोरियम में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ ही पद्मश्री डा. यशोधर मठपाल ने किया। लिटरेचर फेस्टिवल के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वीडियो संदेश भेजकर शुभकामनाएं दी। फेस्टिवल में देश के कई प्रख्यात लेखक उपन्यासकार प्रतिभाग करने पहुंचे हैं। एथिकल हैकर अंशुल सक्सेना लोगों को साईबर वार और नेशनल सिक्योरिटी से जुड़े कई महत्वपूर्ण विषयों की जानकारी दी। इसके पश्चात पद्मश्री यशोधर मठपाल ने पुरातत्व के बारे में भारतीय इतिहास को समझाया । 

लिटरेचर फेस्टिवल के पहले दिन पहले सत्र “सोशल मीडिया का बदलता स्वरूप” अंशुल सक्सेना और वैभव पांडे ने वर्तमान समय के हालात में सोशल मीडिया और उनकी चुनौतियों पर चर्चा की। “कुछ चर्चा किताबों की” में वरिष्ठ पीसीएस अधिकारी ललित मोहन रयाल, लेखक डॉ चंद्रशेखर जोशी और पुलिस क्षेत्राधिकारी प्रमोद साह ने कहानी उपन्यास और गद्य पर विस्तार से चर्चा की।

उपन्यास और महिलाओं का दर्द सत्र में लेखक मंजू पांडे उदिता, लेखक कंचन पंत और मंजरी बलुटिया, समाज में महिलाओं के दर्द को साहित्य और उपन्यास में लिखकर उनके प्रति सोच बदलने पर चर्चा की। फिर आज के दौर का मीडिया सत्र में न्यूज़ एंकर अनुराग पुनेठा, दैनिक जागरण के संपादक आशुतोष सिंह, न्यूज़ एंकर प्रीति बिष्ट और पंचजन्य के सोशल मीडिया संपादक अंबुज द्वारा ने उठ रहे सवालों को लेकर गंभीर चर्चा की।

 कुमाऊं का साहित्य और लेखक विषय पर प्रसिद्ध कथाकार और लेखक लक्ष्मण सिंह विद्रोही लेखक मनोज पांडे और पहाड़ी संस्कृति को बढ़ावा दे रहे हेम पन्त द्वारा कुमाऊनी के इतिहास और साहित्य और उस पर लिखे गए लेखन पर विस्तार से चर्चा की। लेखक मनोज पांडे द्वारा एक रूसी यात्री कुमाऊ में का भी प्रेजेंटेशन दिया गया। “डिजिटल और साहित्य” सत्र में पुस्तकों के डिजिटलाइजेशन को लेकर बुक वर्ल्ड के संचालक व प्रकाशक रणधीर अरोरा दैनिक जागरण के वरिष्ठ पत्रकार गणेश जोशी और लेखक शैलेंद्र प्रताप सिंह ने किताबों के डिजिटाइजेशन को लेकर विस्तार से चर्चा की। “युवा और साहित्य”  सत्र में प्रख्यात लेखक महेश दत्त और शिक्षाविद मनमोहन जोशी ने विस्तार पूर्वक चर्चा करते हुए युवाओं के बीच में साहित्य की रोशनी को लेकर व्यापक प्रकाश डाला। मंच पर संचालन स्वाति कपूर व प्रीति बिष्ट ने किया।

कार्यक्रम को सफल बनाने में दिनेश मानसेरा, भूमेश अग्रवाल, विवेक अग्रवाल, डीपीएस की प्रधानाचार्य रंजना साही, अवनीश राजपाल, दिनेश पांडे, राजीव वाही, उमंग वासुदेवा, राजीव बग्गा, मनमोहन जोशी, अर्पिता जोशी, हिमानी मेर, मनीषा शाह, आदि ने योगदान दिया 

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