एक्सक्लुसिव

एक्शन मोड से वाहवाही लूट रहे तीरथ

एक माह में त्रिवेंद्र सरकार के कई फैसले बेहिचक पलटे

बोले तीरथ, अफसर खुद पढ़े कानून की किताबें

वे तो करेंगे जनता का चेहरा देखकर ही फैसला

सरकार की छवि जनहितकारी बनाने की कोशिश

अपने कुछ बयानों को लेकर जमकर हुए ट्रोल भी

देहरादून। बतौर मुख्य़मंत्री तीरथ सिंह रावत का एक माह पूरा हो गया है। इस अवधि में तीरथ खासे एक्शन मोड में नजर आए। त्रिवेंद्र सरकार के कथित जनविरोधी फैसलों को उन्होंने बेहिचक पलटा और यह दिखाने की कोशिश की कि सरकार को अवाम का पूरा ख्याल है। उन्होंने शुरुआत में ही कह दिया था कि कानून की किताबें अफसर पढ़े वे तो जनता का चेहरा देखकर ही फैसला लेंगे। हां, अपने कुछ बयानों को लेकर तीरथ सोशल मीडिया में खासे ट्रोल भी हुए।

विगत मार्च माह में भाजपा हाईकमान ने अचानक ही त्रिवेंद्र सिंह रावत को हटाकर मुख्यमंत्री पद का ताज तीरथ सिंह रावत के सर सजा दिया। शपथ लेने के तत्काल बाद ही उन्होंने इशारा कर दिया था कि अवाम के हित में न माने जा रहे फैसलों को पटलने में देरी नहीं की जाएगी। तीरथ से पहली ही कैबिनेट में त्रिवेंद्र सरकार के समय में सबसे ज्यादा चर्चित जिला विकास प्राधिकरणों को खत्म करने का फैसला किया। इसके बाद उन्होंने हरिद्वार कुंभ में लगाए गए तमाम प्रतिबंध खत्म करने का आदेश किया। हालांकि बाद में कोविड प्रोटोकॉल का अनुपालन करने की बात भी की। कुंभ मेला क्षेत्र में अखाड़ों को 2010 के समान ही जमीन आवंटित करने का आदेश भी दिया।

इसके बाद तीऱथ सिंह रावत ने पुरानी सरकार के समय में कोटद्वार में रद किए गए मेडिकल कालेज को फिर बनाने का आदेश किया। इसी तरह से कर्मकार बोर्ड में त्रिवेंद्र सरकार के समय में बैठाई गई सचिव को भी हटा दिया गया। साथ ही निकाले गए कर्मिय़ों को बहाल कर दिया गया। तीरथ ने एक ही झटके में दर्जाधारी मंत्रियों और राज्यमंत्रियों को पैदल करके सरकारी खजाने पर पड़ रहे कई करोड़ के बोझ को खत्म कर दिया। तीरथ सरकार ने लंबे समय से विवाद में चल रहे देवस्थानम् बोर्ड से चारधाम समेत 51 मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से बाहर करके तीर्थ-पुरोहितों का दिल जीत लिया। इसी तरह से गैरसैंण को कमिश्नरी बनाने के त्रिवेंद्र सरकार के फैसले को भी स्थगित कर दिया। त्रिवेंद्र सरकार के इस फैसले से कुमाऊं में खासा आक्रोश था। इतना ही नहीं, भाजपाई सांसद और विधायक भी इसके विरोध में थे।

एक तरफ तीरथ इन फैसलों से सरकार की छवि जनहितकारी दिखाने की कोशिश में जुटे थे तो अपने कुछ बयानों की वजह से इस अवधि में वे खासे ट्रोल भी हुए। फटी जींस, ज्यादा बच्चे, अमेरिकी साम्राज्य जैसे उनके बयानों के अंश सोशल मीडिया में खासे वायरल हुए और लोगों ने उन्हें जमकर ट्रोल किया।

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