हालात ए सेहत महकमाः एमओ के 43 फीसदी पद खाली
स्वीकृत पदों से 80 डेंटिस्ट ज्यादा तैनात, 33 एमओ गायब
निदेशक, अपर निदेशक और संयुक्त निदेशक के पद भी खाली
सूबे में 374 डॉक्टर संविदा और 118 अन्य श्रोतों से हैं तैनात
देहरादून। कोरोना काल में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के चाहें जितने भी दावे किए जा रहे हैं हों। लेकिन उत्तराखंड के सेहत महकमे की सेहत खुद ही नासाज है। हालात ये हैं कि स्वास्थ्य अधिकारियों (एमओ) के 43 फीसदी पद रिक्त हैं तो दूसरी ओर स्वीकृत पदों से 80 डेंटिस्ट ज्यादा सेवारत हैं।
काशीपुर निवासी सूचना अधिकार कार्यकर्ता और वरिष्ठ अधिवक्ता नदीम उद्दीन ने उत्तराखंड के स्वास्थ्य महकमे से तमाम बिंदुओं पर जानकारी मांगी थी। निदेशालय के लोक सूचना अधिकारी ने जो जवाब दिया है तो साफ इशारा कर रहा है कि उत्तराखंड के सेहत महकमे की सेहत खुद ही ठीक नहीं है। नदीम को मिली जानकारी के अनुसार राज्य में चिकित्सा अधिकारियों के कुल 2735 स्वीकृत पद हैं। इसमें से 1560 पर ही एमओ कार्यरत हैं और 43 फीसदी यानि 1175 पद रिक्त हैं। इसके विपरीत 80 चिकित्सा अधिकारी (दन्त चिकित्सक) स्वीकृत पदों से अधिक हैं। वही 33 नियमित चिकित्सा अधिकारी लंबे समय से गैरहाजिर हैं। काम चलाऊ व्यवस्था के तहत 374 संविदा तथा 118 अन्य स्त्रोतों से चिकित्सक कार्यरत हैं। इन सबको मिलाकर भी कुल 636 पद बिल्कुल रिक्त है। विभाग में महानिदेशक कार्यरत है। निदेशक के छह पदों में से एक रिक्त है। अपर निदेशक के 35 स्वीकृत पदों में से 24 कार्यरत है। संयुक्त निदेशक के 162 पदों में से 153 कार्यरत हैं और नौ पद रिक्त है।
नदीम को दी गई जानकारी के अनुसार वरिष्ठ श्रेणी चिकित्सा अधिकारियों के 426 पद स्वीकृत हैं। इनमें से 303 कार्यरत है तथा 29 फीसदी यानि 123 पद रिक्त है। रिक्त पदों में सर्वाधिक प्रतिशत चिकित्सा अधिकारी ग्रेड-1 के हैं। इनके 643 स्वीकृत पद हैं और महज नौ कार्यरत है। 99 फीसदी यानि 634 पद रिक्त हैं। चिकित्सा अधिकारी के 1462 पद स्वीकृत हैं और तीन यूपी विकल्पधारियों सहित कुल 1065 कार्यरत हैं। 27 फीसदी यानि 397 पद रिक्त हैं। उत्तराखंड के विभिन्न चिकित्सालयों में 374 अधिकारी संविदा पर कार्यरत हैं। इनमें 96 संविदा चिकित्सक, 274 उत्तराखंड के मेडिकल कॉलेजों से रियायती दरों पर एमबीबीएस करने वाले बांडेड चिकित्सक तथा चार संविदा पर पुनर्नियुक्त चिकित्सक शामिल हैं।