“गरीब” हरदा के पास बेटे के चुनाव के लिए नहीं है पैसा
सोशल मीडिया के माध्यम से कर रहे हैं चंदा देने की अपील

40 साल से सत्ता में अहम पदों पर रह चुके हैं हरीश रावत
देहरादून। कांग्रेसी दिग्गज हरीश रावत अब “गरीब” हो गए हैं। उनके पास हरिद्वार सीट से लोस चुनाव लड़ रहे अपने बेटे वीरेंद्र रावत के लिए पैसा नहीं है। मजबूरी में हरीश रावत अब सोशल मीडिया के माध्यम से आम लोगों से एक सौ रुपये या अधिक चंदा देने की अपील कर रहे हैं।
लगभग 40 साल से सियासत कर रहे हरीश रावत कई बार सांसद, विधायक, केंद्रीय मंत्री के साथ ही उत्तराखंड के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं। अपने किसी भी चुनाव में उन्हें पैसों की कोई कमी महसूस नहीं हुई। इस बार में खुद तो चुनाव नहीं लड़ रहे हैं पर हाईकमान से लड़कर अपने बेटे वीरेंद्र सिंह रावत के लिए हरिद्वार लोस सीट से कांग्रेस का टिकट ले आए हैं। हरदा के नाम से विख्यात हरीश रावत ने अपने बेटे के चुनाव में खुद को झोंक दिया है। उनके पास अन्य किसी प्रत्याशी के प्रचार में जाने का वक्त ही नहीं बचा है।
हरदा का सियासत करने का अंदाज बेहद जुदा है। इस चुनाव में उन्होंने पहले तो कांग्रेसियों को आलसी बताया और कहा कि कांग्रेस के पास जीत का जज्बा ही नहीं है। अब हरदा ने खुद को बेहद गरीब बताते हुए आम लोगों से चंदा देने की अपील कर डाली है। हरदा ने अपने फेसबुक पेज पर एक पोस्ट डाली है। इसमें हरदा लिखते हैं कि बहनों और भाइयों आपको मालूम ही है कि कांग्रेस की खाता सीज हो रहा है। हमारे पर चुनाव के लिए संसाधनों की कमी है। अगर आपके दिल में मेरी मदद की भावना हो तो वीरेंद्र के खात में एक सौ रुपये या अधिक का चंदा दें। ताकि वीरेंद्र की चुनाव अभियान रुक न जाए। इस पोस्ट में वीरेंद्र का बैंक खाता संख्या के साथ ही क्यूआर कोड भी दिया गया है। मार्मिक अपील करते हुए हरदा लिखते हैं कि अपने संघर्ष के साथ हरीश रावत का मान रखें, साथ दें।
हरदा की यह पोस्ट सोशल मीडिया में खासी चर्चा में है। कुछ लोग कह रहे हैं कि इतने लंबे समय पर सत्ता में रहे हरदा अचानक से इतने गरीब कैसे हो गए। अगर चुनाव लड़ने के लिए पैसा नहीं था तो अन्य सशक्त और सक्षम दावेदारों को टिकट कटवाने के लिए जान क्यों लगा दी थी। क्या पुत्र मोह के आगे उन्होंने पार्टी हित को दरकिनार कर दिया है।