अफसरों ने की नादानी और बढ़ी पुष्कर सीएम की परेशानी

आखिर रात को जबरन क्यों उठाया धरने से
अगले रोज पूरे प्रदेश के युवाओं से से था आह्ववन
देहरादून। राजधानी के अफसर युवाओं को मूड भांपने में फेल हो गए। प्रदेशभर के आह्वन के बाद भी आठ फरवरी की रात को धरने पर बैठे युवाओं को जबरन उठा लिया गया। सोशल मीडिया के इस दौर में वीडियो वायरल हुआ तो अगले रोज प्रदेशभर से युवा राजपुर रोड पर जुट गए। सवाल यह है कि क्या सरकार इन नादान अफसरों पर कोई एक्शन लेगी या फिर इनकी नादानी का सजा भुगतेगी।
भर्ती घोटाले को लेकर भारी विरोध हो रहा है। सीएम दफ्तर के एक खास दरबारी ने इस आंदोलन के अगुवा बाबी पंवार से साहब से मुलाकात करवा कर वाहवाही लूट ली। लेकिन मामला बना नहीं। नतीजा यह रहा कि प्रदेशभर से युवाओं को देहरादून बुला लिया गया।
आठ फरवरी को युवा कम आए तो गांधी पार्क में धरना शुरू किया गया। ये दिनभर चलता रहा। कहीं से भी किसी अप्रिय वारदात की खबर नहीं आई। ये आंदोलनकारी रात को पार्क में ही धरने पर जमे रहे और नौ फरवरी को पूरे प्रदेश के युवाओं को देहरादून आने के कहा गया।
राजधानी में तैनात अफसर हालात को पूरी तरह से भांप नहीं सके। नतीजा यह रहा रात को ही धरने पर बैठ युवाओं को जबरन उठा लिया गया। सोशल मीडिया के इस दौर में ये तमाम वीडियो वायरल हो गए। यह भी आरोप लगा कि युवाओं को जबरदस्ती टांग पर ले जाने वाले पुलिस कर्मियों में से तमाम शराब के नशे में थे।
रात में ही इस तरह के वीडियो वायरल होने से युवाओं में आक्रोश और बढ़ गया और नौ की सुबह राजपुर रोड पर युवाओं का सैलाब सा उमड़ पड़ा। अफसरों ने उस वक्त भी इन्हें एक जगह पर एकत्र होने से रोकने की कोई कोशिश नहीं की।
मामला बिगड़ा और युवाओं पर लाठीचार्च कर दिया गया। खून से से सने युवाओं की फोटोज सोशल मीडिया पर वायरस होने लगी। इससे उत्तेजना और भी बढ़ती गई। साफ जाहिर है कि देहरादून के अफसरों ने हालात को नादानी से हैंडिल किया। इसी का नतीजा है कि आज सरकार की पेशानी पर बल पड़ रहे हैं। अब देखने वाली बात ये होगी कि क्या सरकार इन नादान अफसरों पर कोई एक्शन लेती या फिर इन्हें भी अभयदान दिया जाता है।