आईएएस रामविलास के दून समेत कई ठिकानों पर विजिलेंस का छापा
रिटायरमेंट से पहले ही कसा कानून का शिकंजा
अऱबों की संपत्तियों की खुलासा होने की है आशंका
सरकारी सेवा में रहते हुए बन गए ट्रस्ट के अध्यक्ष
अपनी और पत्नी की पैतृक संपत्ति ली शपथपत्र से
सियासी आका की दम पर उत्तराखंड में भी की मौज
देहरादून। उत्तराखंड कैडर के आईएएस अफसर रामविलास यादव रिटायर होने से बीस दिन पहले ही कानून के शिकंजे में आ गए। मुकदमा दर्ज होने के बाद विजिलेंस ने उनके कई ठिकानों पर छापा मारा है। बताया जा रहा है कि इस दौरान अऱबों की संपत्ति का खुलासा हुआ है। अहम बात यह भी है कि रामविलास सरकारी सेवा में रहते हुए ही एक ट्रस्ट के अध्यक्ष भी बन गए। अपनी और पत्नी की करोड़ों की पैतृक संपत्तियों को महज शपथपत्र के आधार पर ही अपने नाम करा लिया।
यूपी के सपा की सरकार में यादव कई अहम पदों पर रहे। बताया जा रहा है कि उन दिनों यादव ने जमकर खेल किया। लेकिन 2017 में भाजपा की सरकार बनते ही यादव उत्तराखंड आ गए और कुछ समय बाद ही आईएएस प्रमोट हो गए। यहां भी उन्होंने नेताओं को आका बनाया और यूपी वाले खेल में ही जुट गए। योगी सरकार ने यादव के खिलाफ आय से अधिक संपत्तियों का ब्योरा उत्तराखंड को भेजा। लेकिन सियासी आका की दम पर यादव बचे रहे।
पिछले दिनों योगी सरकार ने अफसर के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। बाद में उत्तराखंड विजिलेंस में भी मुकदमा दर्ज किया गया। आज उत्तराखंड विजिलेंस ने उनके गाजीपुर, लखनऊ और देहरादून के ठिकानों पर छापे मारे हैं। बताया जा रहा है कि इस दौरान अरबों की संपत्ति का खुलासा हुआ है। यादव सरकारी सेवा में रहते हुए एक ट्रस्ट स्व, रामकरण दादा मेमोरियल ट्रस्ट गाजीपुर के अध्यक्ष भी बन गए।
दिसंबर-2022 में गिफ्ट डीड के आधार पर जमीन ट्रस्ट के नाम करवाई। इस दौरान यादव ने अध्यक्ष के रूप में स्टांप शुल्क भी जमा किया। गाजीपुर में अपनी और मैनपुरी में पत्नी का तमाम पैतृक संपत्तियों को भाइयों और बहनों के शपथपत्र के आधार पर अपने नाम दर्ज करा लिया। बताया जा रहा है कि विजिलेंस की टीमों को अऱबों की संपत्ति का ब्योरा मिला है। यहां बता दें कि उत्तराखंड में आकर यूपी के अपने कारनामों को लंबे समय तक छुपाए रहे आईएएस रामविलास नौकरी के अंतिम चरण में कानून के शिकंजे में फंस ही गए। आने वाली 30 जून को उनका रिटायरमेंट होने वाला है। माना जा रहा है कि जांच के बाद उनके देयकों को भी रोका जा सकता है।
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