राजनीति

हे बाबा केदार ! मुझे सीएम बना दो

हरदा ने मांगा आर्शीवाद, बोले मैं हूं सियासी नृतक

अपने कामों की खुद ही की जमकर तारीफ

भूल गए दलित को सीएम बनाने का जुमला

देहरादून। कांग्रेसी दिग्गज हरीश रावत को सुर्खियों में रहना बखूबी आता है। पहले उत्तराखंड में दलित सीएम चाहने की बात करके सुर्खिया बटोर चुके हरदा ने अब बाबा केदार से खुद को ही सीएम बनाने का आर्शीवाद मांगा है। इतना ही नहीं हरदा ने अपने तमाम कामों की खुद ही जमकर तारीफ भी की है।

विगत दिवस बाबा केदारनाथ का दर्शन करने के बाद हरदा ने एक फेसबुक पोस्ट लिखी है। इसमें हरदा लिखते हैं कि पत्रकार बंधु मुझसे पूछ रहे हैं कि मैंने केदारनाथ जी से क्या मांगा। उनकी उत्सुकता है कि मैंने 2022 में विजय का आशीर्वाद मांगा होगा। सही बात है मैंने विजय का आशीर्वाद मांगा और साथ-साथ मैंने भगवान केदारनाथ जी से यह भी प्रार्थना की कि केदार बाबा मैं 2014 से 2017 के कुछ समय तक अपने कार्यकाल के दौरान जो कुछ उत्तराखंड के लिए कर पाया वो कई क्षेत्रों में अभूतपूर्व था। मैं इस बार पहले से और अच्छा काम कर सकूं इसीलिये मुझे मुख्यमंत्री बनने का आशीर्वाद दीजिए। यदि मैं अपनी परफॉर्मेंस को दोहराकर के उसमें सुधार न कर सकूँ तो फिर सबकी चाहत हरीश रावत ही बने रहने दीजियेगा, मेरे लिए वही आशीर्वाद काफी है।

हरदा लिखते हैं कि मैं एक राजनैतिक नृतक हूं। अवसर मिलेगा तो नृत्य करना मेरा स्वभाव है और हर नृत्य केदार बाबा आपको समर्पित होता है। आपका आशीर्वाद रहेगा तो मैं हर उस भूमिका में बेहतर करने की कोशिश करूंगा जो भूमिका आपकी कृपा से मुझे प्राप्त होगी। मैंने स्कूल मैनेजमेंट कमेटी से लेकर ब्लॉक प्रमुख, युवक कांग्रेस और कांग्रेस के जिलाध्यक्ष, सांसद, युवक कांग्रेस व कांग्रेस के महामंत्री, सेवादल व मजदूर संगठनों के राष्ट्रीय अध्यक्ष, राज्यसभा सदस्य, केंद्रीय राज्य मंत्री, मंत्री, प्रदेश अध्यक्ष और प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर हर बार अच्छा काम किया है। एआईसीसी के जनरल सेक्रेटरी के तौर पर भी मेरे नेतृत्व ने मेरे काम की प्रशंसा की है। इस बार फिर मेरा इम्तिहान है, इस इम्तिहान में मैं तभी पास होना चाहूंगा जब मैं राज्य के मुख्यमंत्री के तौर पर अपने पहले के कार्यकाल से और अच्छा काम कर सकूं अन्यथा महाप्रभु आपने जो कुछ दे दिया है, वह भी मेरी योग्यता से अधिक है, मैं उसी को लेकर संतुष्ट हूं। मुझे अब पद केवल पद के लिए नहीं चाहिए, कुछ ऐसा कर दिखाने के लिए चाहिए ताकि मैं आगे आने वाले लोगों के लिए जनसेवा और विकास का एक उच्च मापदंड स्थापित कर सकूं।

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