‘हैवीवेट’ को नहीं दिख रहा भाजपा में भविष्य !
पीएम मोदी और शाह की पहली ‘पसंद’ बन गए हैं पुष्कर
भाजपा जीती तो धामी ही होंगे फिर मुख्यमंत्री
अब किसी अन्य की राह नहीं दिख रही आसान
अन्य विकल्प तलाशने की कोशिश में दिग्गज
आर्य की कांग्रेस में वापसी मानी जा रही शुरुआत
हरक सिंह ने तो चुनाव लड़ने से ही किया इंकार
देहरादून। काबीना मंत्री रहे यशपाल आर्य की पुत्र समेत कांग्रेस में वापसी तमाम सियासी संकेत दे रही है। सियासी गलियारों में चर्चा है कि हैवीवेट नेताओं को अब भाजपा में भविष्य नहीं दिख रहा है। इसकी अहम वजह सीएम पुष्कर धामी का पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह की नजरों में चढ़ जाना भी है।
भाजपा ने तीन बार सीएम बदला। लेकिन हर बार फैसला अप्रत्याशित ही रहा। हैवीवेट नेताओं को कोई तरजीह नहीं मिल पाई। भाजपा ने पहले तो युवा पुष्कर सिंह धामी को सीएम बना दिया। फिर पीएम मोदी और अमित शाह से लेकर अन्य केंद्रीय मंत्रियों ने धामी की सार्वजनिक तौर पर तारीफ की। इससे साफ दिख रहा है कि भाजपा अगर 2022 के चुनाव में सत्ता बचाने में सफल हो जाती है तो सीएम का ताज पुष्कर के सर ही सजेगा।
इन हालात में हैवीवेट नेता सतपाल महाराज, हरक सिंह रावत और यशपाल आर्य को साफ दिख रहा है कि भाजपा में उनका कोई भविष्य नहीं है। यानि सीएम बनने का उनका ख्वाब भाजपा में पूरा नहीं सकता। सियासी गलियारों में चर्चा है कि यशपाल आर्य के भाजपा छोड़ने की एक बड़ी वजह यह बात भी बनी।
सूत्रों का कहना है कि अब सतपाल महाराज और हरक सिंह रावत का क्या रुख रहता है, इस पर नजर रखनी होगी। सवाल यह खड़ा हो रहा है कि ये दोनों हैवीवेट नेता क्या भाजपा में ही रहकर सियासत करेंगे या फिर सीएम की कुर्सी का अपना सपना सच करने के लिए कोई बड़ा कदम उठाते हैं।